मध्य पदेश में कोरोना संक्रमण की बिगड़ती स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने एस्मा लागू करने का फैसला किया है. एस्मा स्वास्थ्य समेत कुल 10 सेवाओं पर लागू किया गया है, जो 3 महीने के लिए प्रभावी रहेगा. खास बात यह है कि एस्मा के दायरे में सरकारी और निजी दोनों सेवाओं को शामिल किया गया है. एस्मा लागू होने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपनी सेवाएं देने से इनकार नहीं कर सकेंगे.
प्रदेश सरकार ने कोरोना को देखते हुए वैक्सिनेशन का टारगेट दोगुना करने का भी फैसला किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 1 अप्रैल से प्रतिदिन टीकाकरण का टारगेट बढ़ाया जा रहा है. जिलों को नए टारगेट दिए जा रहे हैं. प्रदेश में नए टारगेट के अनुसार 400019 वैक्सिनेशन प्रतिदिन किए जाएंगे. भोपाल में 40,000 वैक्सिनेशन, इंदौर में 50000, जबलपुर में 25000, ग्वालियर में 25000 और उज्जैन में रोज 20000 लोगों को कोरेाना का टीका देने का लक्ष्य रखा गया है.
बढ़ाए जाएंगे वैक्सिनेशन सेंटर
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में साढ़े आठ करोड़ की आबादी है. इनमें से 18 साल से ज्यादा उम्र की आबादी 6 करोड़ के करीब है. अभी 45 या उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने के निर्देश हैं, जिनकी आबादी 1.18 करोड़ है. यह संख्या प्रदेश की कुल टीकाकरण योग्य 6 करोड़ आबादी की करीब 19% है. बता दें कि अभी तक प्रदेश में कुल 2,048 वैक्सिनेशन सेंटर बनाए गए थे, लेकिन हर दिन का टारगेट बढ़ाए जाने के कारण सेंटर की संख्या 3 हजार से ज्यादा कर दी गई है. आवश्यकता पड़ने पर सेंटर बढ़ाए जाएंगे. इन सेंटर्स में मतदान की तर्ज पर व्यवस्थाएं की गई हैं.