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मई व जून में विभिन्न त्योहारों के मद्देनजर राजधानी में धारा 144 लागू

लखनऊ। मई व जून में विभिन्न त्योहारों के मद्देनजर राजधानी में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है। इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों के किसी प्रकार का कोई जुलूस निकाले जाने, सार्वजनिक स्थानों पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों के समूह बनाये जाने और लोगों के किसी भी समूह में सम्मिलित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इस संबंध में लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने बताया कि 14 अप्रैल 2021 से चल रहे रमजान माह 7 मई 2021 को अलविदा की नमाज, 9 मई 2021 को लोक नायक महाराणा प्रताप जयंती, 14 मई 2021 को ईद-उल-फितर व परशुराम जयंती, 26 मई 2021 को बुद्ध पूर्णिमा, 1 जून 2021 को बड़ा मंगल (महावीर जी का मेला) के अवसर पर भी असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था भंग किए जाने की आशंका है। जिससे कटुता बढ़ने व लोक प्रशांत विक्षुब्ध होने, शांति व्यवस्था भंग होने की प्रबल आशंका है। उन्होंने बताया कि धारा-144 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए नए निषेधाज्ञा जारी किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों की अनुमति प्रस्तावित प्रतिबन्धों के अधीन होगी। उन्होने बताया कि कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ या संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्तों की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना न तो 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस निकालेगा, न ही सार्वजनिक स्थानों पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनायेगा और न ही किसी समूह में सम्मिलित होगा।

उन्होने बताया कि किसी धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल, जुलूसों, अन्य आयोजनों पर लाउड-स्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि-प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण), नियम-2000 के प्राविधानों का अनुपालन आवश्यक होगा। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक कोई भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नही किया जायेगा। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायलय के ध्वनि के सम्बन्ध में दिये गये दिशा निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक होगा। अपरिहार्य स्थिति में अनुमति पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त(कानून एवं व्यवस्था) से लेनी होगी।

उन्होंने बताया कि लखनऊ कमिश्नरेट सीमा के अन्दर किसी भी समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं के विपरीत ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नही किया जायेगा, जिससे शांति भंग होने की आंशका हो और न ही दूसरे समुदाय के धार्मिक भावनाओं के विरूद्ध किसी प्रकार का उत्तेजनात्मक भाषण दिया जायेगा और न ही सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना एवं अफवाहें फैलायी जायेंगी।

उन्होंने बताया कि लखनऊ कमिश्नरेट सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई अनुचित मुद्रण, प्रकाशन (जिससे साम्प्रदायिक तनाव अथवा समुदायों के बीच वैमनस्य उत्पन्न हो) नही करेगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी, कर्मचारीगण, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, सफाई कर्मी के साथ अभद्रता अथवा मारपीट करता है तो उसके विरूद्ध विधिपूर्ण कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों, कण्टेनमेंट जोन (हाॅट-स्पाॅट्स) पर लगे ड्रोन कैमरा, बैरियर, सीसीटीवी कैमरा, पीए सिस्टम के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा परिसर में मोबाइल फोन आईटी गजेट, अनुचित साधन, प्रतिबन्धित आइटम ले जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित है। यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा और यदि बीच में वापस न लिया गया तो 5 जून 2021 तक लागू रहेगा।

दया शंकर चौधरी

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