ताजनगरी आगरा में 130 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 3 साल के बच्चे को 8 घंटे में ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आर्मी को पुराने अनुभव से इस बार काफी मदद मिली. इससे इतने कम समय में ही आपरेशन को पूरा कर लिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि इतने गहरे गड्ढे से बच्चे को रस्सी के सहारे ही बिना नया गड्ढा बनाए बाहर निकालने में सफलता मिल गई. हालांकि इस दौरान गड्ढे के समानांतर एक और गड्ढा खोदा जा रहा था और उससे सुरंग बनाकर निकालने की तैयारी भी की जा रही थी.
निबोहरा के गांव धरियाई निवासी छोटेलाल का बेटा शिवा सुबह आठ बजे अपने घर के बाहर खेलते समय बोरवेल में गिर गया. जानकारी पर घर में कोहराम मच गया. जिला प्रशासन को जानकारी मिली तो तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आर्मी को इसकी सूचना दी गई. जब तक एनडीआरएफ समेत अन्य टीमें वहां पहुंचती जिला प्रशासन ने अपनी तरफ से तैयारियां पूरी कर लीं. गड्ढे के पास ऑक्सीजन सिलेंडर, पाइप लाइन, एम्बुलेंस के साथ ही डाक्टरों की टीम भी पहुंचा दी गई.
पहले का अनुभव इस बार काम आया और गड्ढा करने के लिए भी पहले से ड्रील मशीन, जेसीबी का इंतजाम कर दिया गया. एनडीआरएफ और आर्मी की टीम पहुंची तो उसने सबसे पहले कैमरा और ऑक्सीजन की पाइप नीचे डाली और बच्चे से बातचीत शुरू की. बच्चे ने बातचीत शुरू की तो सभी को काफी राहत मिली.
एक साथ दो प्लान पर काम
अधिकारियों ने बच्चे को बचाने के लिए दो प्लान पर काम शुरू कर दिया. पहला काम बोरवेल के गड्ढे से ही बच्चे को बाहर निकालने का प्लान और दूसरा गड्ढे के समानांतर गड्ढा कर सुरंग बनाकर निकालने की प्लान बनाया गया. दोनों प्लान पर एक साथ काम शुरू कर दिया गया.
बच्चे ने दिखाया साहस, रस्सी में फंसाया हाथ
पहले बच्चे को निकालने के लिए कांटा डाला गया, जिससे उसका कपड़ा फंसाकर बाहर निकाला जाए, लेकिन दो प्रयास के बाद भी कांटा नहीं फंसा तो रस्सी में फंदा बनाकर बोरवेल में डाला गया. बच्चे ने भी इस दौरान कमाल का साहस दिखाया. अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद बच्चे ने फंदे में अपना हाथ फंसा लिया और उसे खींचकर बाहर निकाल लिया गया.