विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर शनिवार को केन्या पहुंचे, जहां उन्होंने प्रमुख पूर्वी अफ्रीकी देश के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए कई बैठकें कीं। इसके साथ ही उन्होंने अपने केन्याई समकक्ष विदेश मंत्री, रेशेल ओमामो के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करते हुए भारत-केन्या संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की।
भारतीय डायस्पोरा के एक क्रॉस सेक्शन को विदेश मंत्री ने किया सम्बोधित
वार्ता के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो सदस्यों के रूप में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर एक सार्थक चर्चा हुई। ऐतिहासिक एकजुटता आज एक आधुनिक साझेदारी है। संयुक्त आयोग की पिछली बैठक मार्च 2019 में नई दिल्ली में हुई थी। जयशंकर ने भारत-केन्या संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए केन्याई सरकार के अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने केन्या में भारतीय डायस्पोरा के एक क्रॉस सेक्शन के साथ “उपयोगी” ऑनलाइन बातचीत भी की। बैठक का संचालन केन्या में भारत के उच्चायुक्त डॉ. वीरेंद्र पॉल ने किया।
केन्या में बड़ी संख्या में रहते हैं भारतीय
केन्या में भारतीय मूल के लोगों का एक व्यवसायिक समुदाय है, जिनकी संख्या वर्तमान में लगभग 80,000 है, जिसमें अनुमानित 20,000 भारतीय नागरिक शामिल हैं। भारत और केन्या वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हैं। वे राष्ट्रमंडल के सदस्य भी हैं। केन्या अफ्रीकी संघ का एक सक्रिय सदस्य है, जिसके साथ भारत के लंबे समय से संबंध हैं।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा ?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यात्रा पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, विकास साझेदारी, दोनों देशों के बीच संबंधों का एक महत्वपूर्ण पक्ष है और यह आगे और गहरी होगी।