उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल राज्य के विधि आयोग (Law Commission UP) ने प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है.
जो लोग जनसंख्या नियंत्रण करने में अपना सहयोग दे रहे हैं उन्हें ही सरकारी सुविधाएं और सरकारी संसाधन मिले, उन्हें राज्य सरकार की सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहे।उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ने से अस्पताल, अनाज और बेरोजगारी जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
इसलिए जरूरी है कि इस समस्या पर ध्यान दिया जाए।बीजेपी नेता ने कहा कि आयोग ने कुछ सुझाव भी भेजे हैं लिहाजा इस पर किसी को दो राय नहीं होनी चाहिए की प्रदेश के संसाधनों पर बढ़ती हुई आबादी भारी पड़ रही है.उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं हैं पर हम चाहते हैं .
जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को योजनाओं का लाभ मिले।सके तहत अब राशन और अन्य सब्सिडी में कटौती के विभिन्न पहलुओं पर विचार शुरू कर दिया गया है. इसके बाद यूपी की राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना सियासी नफा-नुकसान देखते हुए प्रतिक्रिया दे रही हैं.