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लाइलाज है फाइलेरिया, दवा जरूर खाएं : सीएमओ

• जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आईडीए) कल से

• 28 अगस्त तक 21.09 लाख लोगों को घर-घर खिलाई जाएगी दवा

• स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में मीडिया कार्यशाला हुई आयोजित

कानपुर देहात। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 10 अगस्त से जनपद में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आईडीए) शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंचकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएगी। गंभीर बीमारी फइलेरिया से सुरक्षित बनने के लिए दवा का सेवन जरूर करें। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके सिंह ने कहीं। डॉ सिंह स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

लाइलाज है फाइलेरिया दवा जरूर खाएं : सीएमओ

सीएमओ ने कहा, अभियान की सफलता को लेकर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) वार आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों की कुल 1897 टीम बनाई गई हैं, जो टीम 10 से 28 अगस्त के मध्य घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरियारोधी दवा खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहते हैं। यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। यह एक लाइलाज बीमारी है और अगर किसी को हो गई तो यह ठीक नहीं होती है और व्यक्ति को आजीवन दिव्यांगता के साथ जीना पड़ता है।

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इस बीमारी का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है। इस बीमारी के लक्षण 5 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं। इससे बचाव का एकमात्र उपाय फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना है। इस बीमारी से लटके हुए अंग जैसे अंडकोष, हाथ, पैर और स्तन प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही पेशाब के साथ सफेद रंग का द्रव्य आने लगता है जिसे काईलूरिया कहते हैं।

सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की कि वह स्वयं तो डीए टीम व स्वास्थ्य कर्मियों के सामने फाइलेरियारोधी दवा खाएं हीं, साथ ही परिवार के सदस्यों और आस-पास के लोगों को भी यह दवा खाने के लिए प्रेरित करें क्योंकि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और इससे बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा सेवन करना है जिससे कि समय रहते फाइलेरिया के परजीवी पर नियंत्रण पाया जा सके।

लाइलाज है फाइलेरिया दवा जरूर खाएं : सीएमओ

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एपी वर्मा ने बताया कि इस अभियान के दौरान जिले में तीन दवाएं (आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजॉल) मानक के अनुसार खिलाई जाएंगी। फाइलेरियारोधी दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। आइवरमेक्टिन ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल को चबाकर ही खानी है। एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी।

पाथ के जोनल कोऑर्डिनेटर अनिकेत कुमार ने बताया कि दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं।

लाइलाज है फाइलेरिया दवा जरूर खाएं : सीएमओ

ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है, फिर भी ऐसी किसी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित मोबाइल बूथ व 24 ब्लॉक स्तरीय व 02 जनपदस्त्रीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले की कुल आबादी 21.09 लाख लोगों को यह दवा खिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए 317 सुपरवाइजर क्षेत्र में भ्रमणशील रहेंगे।

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जिला समन्वयक प्रेम सिंह कटियार पीसीआई ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि एमडीए अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधानों के सहयोग से सोशल मोबिलाइजेशन से सम्बंधित गतिविधियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जनजागरुकता से ही शतप्रतिशत दवा का सेवन संभव है इसके लिए नगर व पंचायत स्तर की कार्यप्रणाली को और अधिक मज़बूत होना आवश्यक है जिसमे विद्यालयों की अहम भूमिका है।

उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के लिए जनपद के राशन डीलर्स, नोडल अध्यापक, समूह, पंचायत सहायक, किसानों के समूहों, कारखाने और धार्मिक गुरुओं आदि के माध्यम से समुदाय में जागरूकता फैलाई जा रही है।

लाइलाज है फाइलेरिया दवा जरूर खाएं : सीएमओ

कार्यक्रम में जिला मलेरिया अधिकारी मारुती दीक्षित, डीपीएम व डीसीपीएम सहित सहयोगी संस्था सीफार की मंडलीय समन्वयक राशि गुप्ता सहित मीडिया प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए। मीडिया प्रतिनिधियों ने भी अभियान में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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