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पिंकी सिंघल

तितली रानी

तितली रानी तितली रानी,कहो कहां से आई हो
तुम इतने रंग रंगीले पंख कहो कहां से लाई हो

मकरंद तुमको बहुत ही भाता,यह बतलाने आयी हो
फुदक फुदक कर फूलों पर तुम,हम सबके दिल को भायी हो

प्रखर तुम्हारी सूंघ क्षमता,तुम दृष्टि तेज अति पाई हो
हम बच्चों को पीछे भगा भगा कर,तुम मन ही मन मुस्काई हो

फूलों के ऊपर मंडराती,और इठलाती सी आई हो
मिलजुल कर संग रहो सदा सब,तुम यही संदेशा लाई हो

                पिंकी सिंघल

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