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गम्बूजिया मछली मच्छरों के प्रकोप से बचाने में मददगार : डॉ. एसके रावत

लखनऊ। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसी क्रम में जोन-6 में घण्टाघर हुसैनाबाद के निकट स्थित तालाब में नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग एवं एम्बेड परियोजना के साझा प्रयासों से 6000 गम्बूजिया मछली डाली गईं।

नगर निगम कार्यकारिणी सभा के उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता ने बताया कि लगातार हो रही वर्षा के साथ ही डेंगू एवं मलेरिया का खतरा बढने लगता है, एवं यह क्षेत्र मच्छरों के प्रजनन के लिए बहुत अनुकूल है, इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, एम्बेड परियोजना एवं अन्य विभागों के साझा प्रयासों से संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जा रहा है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एसके रावत ने बताया कि गम्बूसिया मछली की ब्रीडिंग काफी तेज होने के कारण ये मछलियां मच्छरों के प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रमुख सहयोगी हैं। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. के.पी. त्रिपाठी ने बताया कि मच्छरों का जीवन चक्र 20 से 25 दिनों का होता है, जिसमें 9-10 दिनों तक रूके हुए पानी के अन्दर रहता है, फिर उसके बाद ये मच्छर प्रौढ होकर हवा में उड़ जाते है। हम इन रूके हुए पानी को नष्ट कर इनके पैदा होने वाले स्रोत को नष्ट कर सकते है। इस कार्य में गम्बूजिया मछली हमारी बडी सहयोगी है यह मछली पानी में ही मच्छरों के लार्वा को बड़े चाव से खा जाती हैं जिससे मच्छरों को व्यस्क होने से पूर्व पानी में ही नष्ट किया जा सकता है।

जिला मलेरिया अधिकारी डीएन शुक्ला ने बताया कि इससे पहले भी जनपद में शीश महल, मोती झील, राज भवन के जलजमाव वाले स्थानों, तेली बाग़ की मछली मंडी के सामने स्थित तालाब और हैवतमऊ स्थित तालाब में भी इन गम्बूसिया मछ्ली को डाला जा चुका है। उन्होंने हर तालाब में गम्बूजिया मछली को छोडे जाने की बात कहीं उन्होने कहा कि गम्बूजिया मछली का मुख्य भोजन है-मच्छर का लार्वा, अतएव गम्बूजिया मछली तालाबों में छोडें जिससे के लार्वा नष्ट हो, गम्बूजिया मछली लार्वा खाकर क्षेत्र को मच्छरों के प्रकोप से बचाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह मछली ऐसी जगह डाल सकते है जहॉं पानी हमेशा भरा रहता है जिसके लिए तालाब उपयुक्त जगह है। मण्डल प्रभारी अनुराग पाण्डे ने टीम से कहा कि सभी लोग लार्वा खोजे एवं नष्ट करने की कार्यवाही करें जिससे कि मच्छर नहीं बने और लोगों को मलेरिया एवं डेंगू जैसी बीमारियों नहीं हों।

फैमिली हेल्थ इण्डिया के एम्बेड समन्वयक धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने सभी से अनुरोध किया कि सभी लोग प्रति सात दिवस में पानी साफ करेंगे एवं डेंगू मलेरिया को लार्वा नहीं पनपनें देंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से एम्बेड परियोजना आमजन के व्यवहार को परिवर्तन करने जैसे सोते समय मच्छरदानी को प्रयोग करने, घरों के आसपास पानी न जमा होने देने, पूरी बाह के कपडे पहनने और बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाने के लिए सजग कर रही है।

उन्होने “प्रत्येक रविवार, मच्छरों पर वार” एवं “बुखार में देरी पडेगी भारी” जैसे संदेशों के माध्यम से मच्छरों के ब्रीडिंग स्थलों को नष्ट करने एवं किसी भी प्रकार के बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच कराये जाने के सदेश दिये। इस अवसर पर वरिष्ठ मलेरिया अधिकारी मधूप लाल के निर्देशन में लार्वा सर्वेक्षण एवं विनिष्टीकरण का कार्य किया गया। इस अवसर पर पार्षद गीता पाण्डे, जोनल सैनिटरी अधिकारी नरेश बाबू, सतीश यादव, सना, नगरीय मलेरिया इकाई के पदाधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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