कानपुर। विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं। इसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और परिवार नियोजन के साधनों को अपनाया है । पर यदि स्थायी साधनों की बात करें तो महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बहुत ही आसान होती है। लेकिन कुछ भ्रम और गलत जानकारी के चलते पुरुष नसबंदी से पीछे रहते हैं।
पुरुष नसबंदी पर बोलते हुए ए.सी.एम.ओ. व परिवार कल्याण के नोडल डॉ. एस.के.सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में पुरुष नसबंदी बहुत ही प्रभावी होती है। इसमें बहुत ही कम समय लगता है और दो से तीन दिन में ही व्यक्ति अपनी सामान्य स्थिति में आ जाता है और पहले की तरह कार्य करने लगता है।
वर्तमान पखवाड़े में शिवराजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजुन दीक्षित ने सत्रह पुरुष नसबंदी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधनू की स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ. मनीषा शुक्ला ने चालीस महिला नसबंदी की। पुरुष नसबंदी पर डॉ. अनुज दीक्षित ने कहा कि पुरुष नसबंदी एक बहुत ही छोटा सा ऑपरेशन होता है जो बिना चीरा और टांका के किया जाता है। इस ऑपरेशन में मात्र 5 मिनट लगता है और व्यक्ति एक-दो दिन आराम करने के बाद पुनः अपनी सामान्य स्थिति में आ जाता है। इस 5 मिनट के ऑपरेशन के बाद पूरी ज़िन्दगी का आराम हो जाता है और परिवार नियोजन के किसी अन्य साधन की आवश्यकता नही पड़ती है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी राजेश यादव ने बताया कि जिला अस्पताल और सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निर्धारित सेवा दिवसों पर पुरुष नसबंदी की सेवाएं निःशुल्क दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि एक खुशहाल परिवार के लिए पुरुष की ज़िम्मेदारी भी अधिक होती है। इसलिए पुरुषों को आगे आ कर अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए परिवार नियोजन को अपनाना चाहिए। नसबंदी की सेवा व जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्त्ता से या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से जानकारी प्राप्त कर सेवा का लाभ ले सकते हैं।
जिले में मनाये जा रहे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का आज अंतिम दिन है। इसलिए हमारा जनता से अनुरोध है कि वे अपने परिवार की खुशहाली के लिए आगे बढ़ कर परिवार नियोजन की सेवा लें । राजेश यादव ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में यू.पी. टेक्निकल सपोर्ट यूनिट और पापुलेशन सर्विसेज़ इंटरनेशनल सहयोगी प्रदान कर रही है।