वाराणसी। वसंत कन्या महाविद्यालय के मैनेजमेंट की दूरदर्शिता का ही प्रभाव है की नई शिक्षा नीति के अनुसार, “मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स” को डिग्री के साथ जोड़ कर छात्राओं को रोजगार के लायक बनाए की शुरुआत कर रहा है।
वसंत कन्या महाविद्यालय ने एडटेक कंपनी यंग स्किल्ड इंडिया (वाईएसआईआईडी सोल्यूशंस प्राइवेट लिमीटेड, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप, DIPP 1656) के साथ “मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स” (https://neat.aicte.india.org/course-details/NEAT2020622_PROD_2) के लिए एक एमओयू साइन किया है।
वसंत कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तवा ने बताया की यह 90% प्रैक्टिकल, केस स्टडि बेस्ड, उच्च गुणवत्ता युक्त किफायती और उन्नत तकनिकी से युक्त सजीव ऑनलाइन कक्षाएँ हैं, जिन्हें मैनेजमेंट प्रोफेसर्स और इंडस्ट्री विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जायेगा। जिनमें सेल्स, मार्केटिंग, एचआर फाइनेंस इत्यादि में छात्राओं को रोजगार देने के लिए स्पेशलाइज़ेशन है। इन स्किल्स के कारण उन्हें कोर्स के तुरन्त बाद नौकरी प्राप्त करने या आवेदन करने में मदद मिलेगी। ये नयी पीढ़ी का निर्माण करेगी जो रोजगार के लिए जरूरी तेज़ी और ज़रूरी मानसिकता के साथ तैयार रहेगी। कोर्स की अवधि छः माह होगी।
“प्रबंधन कौशल” सीखने के बाद छात्राओं में नए आत्मविश्वास का संचार होगा और वो स्वयं को रोजगार पाने और स्टार्टअप के माध्यम से दूसरों को रोजगार देने में सहायता कर पाएंगे। वर्तमान में महाविद्यालय में 15 स्नातक तथा 11 परास्नातक कोर्स संचालित हो रहें हैं। इस कोर्स को जोड़ने से एनएएसी (NAAC) और यूजीसी की अपेक्षा के अनुसार 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जा सकेगा।
भारत सरकार ने एक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन (NEAT) द्वारा सरकारी एआईसीटीई (AICTE) और देश की दूसरी शिक्षा प्रौद्योगिकी संगठनों की सहायता से 21 वीं सदी की अत्यधिक रोजगारपरक कौशल प्रदान करने के लिए एक नए मंच www.neat.aicte-India.org की शुरूआत की है।
वैश्विक बेरोजगारी के पीछे मूल कारण उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं और महिलाओं के बीच उनकी नियमित डिग्री के अलावा “प्रबंधन कौशल” की कमी है, यह एक बुनियादी आवश्यकता है जो सभी नौकरियों के लिए अनिवार्य है।
आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए भारत सरकार 25% मुफ्त सीट मुहैया करेगी जिससे वे भी इस प्रोग्राम का लाभ उठा सकें।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता