लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने अतिथि के तौर पर पंचायती राज संगठन के बैनर तले आज इगलास में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि देश को प्रचार मंत्री नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री चाहिये। लेकिन प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री प्रचार गाड़ी की तरह काम कर रहे हैं। सुनने में आया है कि गुजरात से 169 मंत्री उत्तर प्रदेश के 71 विधानसभा में काम करेंगे। यह उनकी सोच और सत्ता की लालच को दिखाता है।
श्री सिंह ने आगे कहा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रायोजित जन विश्वास यात्रा से प्रदेश की जनता का विश्वास खो बैठे हैं जनता उन पर विश्वास नहीं करने वाली है। मुख्यमंत्री जनता को अपना परिवार मानते तो उन्हें ऑक्सीजन, बेड और दवा के अभाव में यूं ही मरने नहीं देतें और बड़ी संख्या में मौतों के बाद ऑल इज वेल का नारा नहीं लगाते। सीएम योगी को यह भी याद दिलाया कि कैसे उनकी सरकार में लोगों को रोजगार मांगने पर लाठियों से पिटवाया जाता है। यूपी के 25 करोड़ लोग उनके परिवार के सदस्य होते तो योगी सरकार में उनपर लाठी गोली नहीं चलाई जाती यह वही जन लोग हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी का हिटलर शाही जैसा रवैया देखा है। भाजपा की गलत नीतियों के कारण प्रदेश का हर वर्ग तंग आ चुका है। जीएसटी व नोटबंदी के कारण देश व प्रदेश की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आने वाले चुनावों में जीएसटी व नोटबंदी ही इनकी हार का सबसे बड़ा कारण बनेगी। भाजपा सरकार किसी भी प्रकार से प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है। प्रदेश के मुखिया अनुपयोगी हैं।इस कारण प्रदेश की जनता भाजपा को वोट देकर पछता रही है भाजपा शासनकाल में किसानों, व्यापारियों, कर्मचारियों व मजदूरों को अपनी मांगों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
किसानों को उनकी फसलों का उचित भाव नहीं दिया जा रहा है। लखीमपुर में हुई किसानों की हत्या करने वाले केंद्र के गृह राज्य मंत्री से इस्तीफा नहीं लिया जा रहा है। हत्यारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कानून को आंख दिखाकर देश प्रदेश में घूम रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी हो या बसपा हो या सपा हो सभी ने किसानों, महिला, जनता, बेरोजगारों युवा को ठगा है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुमराह करने वाली झूठी घोषणाएँ, शिलान्यास, भूमिपूजन, करोड़ों की राशि के झूठे आँकड़े परोस कर जनता को भ्रमित करने का खेल शुरू हो गया है। जिसको जनता को समझना और सतर्क रहने की आवश्यकता है कितना आश्चर्यजनक है कि जिनकी प्रदेश में पिछले वर्षों से बसपा सपा और भाजपा सरकार रही है, वर्तमान में लगभग 5 वर्ष से जो सत्ता पर क़ाबिज़ है, वो आज भी निकायों के विकास के रोडमैप ही बना रहे है, विकास के सपने ही दिखा रहे है। जन विश्वास खोने वाली पार्टी बनकर रह गई है। जनता इनके भ्रम में नहीं आने वाली है देश में बेघर लोगों की संख्या यूपी में सबसे ज्यादा है। और विडम्बना ये कि इस बेघर लोगों के राज्य में भाजपा कई दशकों से ‘भगवान’ का घर बनाने के नाम पर वोट मांग रही है। चुनाव के समय पर भारतीय जनता पार्टी को याद आती है तो वहीं सपा को जिन्ना।
मुजफ्फरनगर के दंगे का जिम्मेदार सपा, भाजपा और रालोद जैसी पार्टी रही हैं। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही लोगों को लड़ाने का काम सपा और भाजपा ने वोट बैंक के लिए किया सिंह ने कहा की अखिलेश यादव की सरकार के को प्रबंधन से मुजफ्फरनगर दंगा जनता को देखना पड़ा जो सरकारें दंगा को रोकने में नाकामयाब रही हो ऐसे में ऐसी सरकारों को सत्ता में आने का कोई अधिकार नहीं दंग आइए मुख्यमंत्री बनने का सपने देख रहे हैं मुजफ्फरनगर के दंगे में सपा,भाजपा, रालोद के तो पहले से ही खून में हाथ सुने हुए हैं ऐसी सरकार को जनता बहिष्कार करेगी।
यह लोग फिर एक बार हिंदू मुस्लिम भाइयों को लड़ाने का काम करेंगे पर इन से सावधान रहने की जरूरत है। विधानसभा चुनाव होने हैं, क्या सरकार के पास जनता को दिखाने के लिए कोई विकास कार्य है। अगर है, तो लोगों को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश क्यों किया जा रहा है। एक बार फिर धर्म के एजेंडे के सहारे चुनावी नैया पार लगाना चाहती है, पर जनता पूरी की पूरी नाव डूबने की तैयारी में विधानसभा 2022 के चुनाव में तैयार बैठी है। श्री सिंह ने आगे कहा की किसी झूठ को इतनी बार कहो कि वो सच बन जाए और सब उस पर यक़ीन करने लगें इसी फार्मूले पर बसपा, सपा और भाजपा चल रही है।
2022 विधानसभा चुनाव में किसानों की सरकार चुनने वाली है। अबकी बार किसानों की सरकार बनेगी,यानी अबकी बार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री का चेहरा किसान ही होगा। मुख्यमंत्री के रूप में किसान को देख रही है अबकी बार किसानों की सरकार बनेगी। भाजपा और उनकी बी टीम सपा और बसपा अपनी संभावित हार को देखकर जनता को अलग-अलग नामों से भ्रमित करके लगातार रैलियां मैं जनता के टैक्स के पैसों को बर्बाद किया जा रहा है जनता एक एक रुपए का विधानसभा चुनाव 2022 में वोट के चोट से हिसाब लेगी।