कर्नाटक। बीएस येदियुरप्पा की नवगठित सरकार को शनिवार को अपना बहुमत साबित करना है। सुप्रीम कोर्ट ने केजी बोपैया KJ Bopaea को बहुमत परीक्षण करवाने की जिम्मेदारी सौपी है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर की शपद दिलाई। शनिवार को बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार को बहुमत साबित करने के दौरान प्रोटेम स्पीकर का रोल सबसे अहम होगा।
आज का सुप्रीम कोर्ट का आदेश,हमारे स्टैंड को सही साबित करता है जो साबित करता है कि गवर्नर वाला ने असंवैधानिक रूप से कार्य किया– राहुल गाँधी
राज्यपाल ने दिलाई शपथ
बीजेपी विधायक केजी बोपैया KJ Bopaea के अतरिक्त विधानसभा सचिवालय की ओर से देशपांडे और उमेश कट्टी के नाम का सुझाव भी प्रोटेम स्पीकर के लिए दिया गया था। लेकिन राज्यपाल वजुभाई वाला ने केजी बोपैया के नाम पर ही अंतिम मोहर लगते हुए उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई,इसका कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। बोपैया 2009 से 2013 तक कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। वर्ष 2009 में उन्हें चार दिनों के लिए प्रोटेम स्पीकर भी बनाया जा चुका है।
The Governor Vajubhai Vala has once again launched an encounter on the Constitution by appointing K G Bopaiah as pro tem Speaker instead of the senior most MLA : @rssurjewala
बहुमत परीक्षण के दौरान प्रोटेम स्पीकर खुद वोटिंग नहीं कर सकता है लेकिन टाई होने की स्थिति में उसका एक वोट निर्णायक भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा वो किसी भी वोट को मान्य या अमान्य घोषित कर सकता है।
कौन हैं बोपैया
कॉलेज के दिनों से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी रहे बोपैया बाद में एबीवीपी में भी काफी सक्रिय रहे। बीएससी से स्नातक और कानून की पढ़ाई करने के बाद बोपैया ने शुरुआत में कुछ दिनों तक वकालत में भी अपना हाँथ आजमाया,बोपैया चार बार विधायक रहे हैं। आपातकाल के दौरान उन्हें बैंगलोर में गिरफ्तार भी किया गया था,1990 दशक में उन्हें बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया ।
नंबर गेम
कर्नाटक विधानसभा में 222 सीटों पर चुनाव हुए हैं,जिसमें से येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी। बीजेपी के 104 विधायक, जेडीएस के 37, कांग्रेस के 78 विधायक और 3 अन्य जीत कर आए हैं। ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए 8 विधायकों की जरूरत और पड़ेगी। जेडीएस के कुमारस्वामी जोकि दो सीटों से जीतकर आएं हैं ऐसे में यदि उनकी एक सीट ही मानी जाये तो फिर 221 के लिहाज से बीजेपी को अभी भी बहुमत साबित करने के लिए 111 सीटों की जरूरत पड़ेगी।