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धर्मशाला में 50 से अधिक भूतपूर्व सैनिक अधिकारियों का वार्षिक समागम सम्पन्न

आपसी विचार विमर्श कर, सभी की सहमति से कालांतर में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया कि वर्ष में एक बार किसी एक स्थान पर कोर्स समागम किया जाएगा। इसकी शुरुआत पूरे जोश खरोश के साथ वृहद् आयोजन के रूप में 2016 में गोवा में की गयी, जिसमें कोर्स के 60 से अधिक अधिकारी सपरिवार सम्मिलित हुए।

हिमांचल प्रदेश। भारतीय सेना में 22 अगस्त 1976 को कमीशन प्राप्त करने वाले शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों (SS 22nd Course) का वार्षिक समागम हिमांचल प्रदेश के धर्मशाला में 24-27 अप्रैल को सम्पन्न हुआ। इस समारोह में भारतीय सेना के SS 22 Course के 50 से अधिक कमीशन प्राप्त भूतपूर्व सैनिक अधिकारियों ने सपरिवार सहभागिता की। कुछ अधिकारी तो कमीशन प्राप्त होने के बाद पहली या दूसरी बार एक दूसरे से मिले और अतीत की यादें ताज़ा कीं।

धर्मशाला में 50 से अधिक भूतपूर्व सैनिक अधिकारियों का वार्षिक समागम सम्पन्न

कोर्स समागम की इस यशस्वी परम्परा को मूर्त रूप देने में प्रमुख रूप से ब्रिगेडियर ऐल्बर्ट पकियानाथन व कैप्टन बीo एनo यादव की विशेष भूमिका रही है। उन्होंने पूरे कोर्स का डेटाबेस तैयार कर एक निदेशिका बनायी जिसमें पूरे 22 Course के सभी अधिकारियों का विस्तृत विवरण उपलब्ध है और इसे समय समय पर अप्डेट किया गया है ।
आपसी मेल मिलाप की शुरुआत क्षेत्रीय आयोजन विशेषकर बड़े कैंटोन्मेंट से हुई जिसने दिल्ली, पुणे, मुंबई, बैंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर एवं चंडीगढ़ प्रमुख हैं।

कुछ अधिकारी तो कमीशन प्राप्त होने के बाद पहली या दूसरी बार एक दूसरे से मिले और अतीत की यादें ताज़ा कीं।

आपसी विचार विमर्श कर, सभी की सहमति से कालांतर में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया कि वर्ष में एक बार किसी एक स्थान पर कोर्स समागम किया जाएगा। इसकी शुरुआत पूरे जोश खरोश के साथ वृहद् आयोजन के रूप में 2016 में गोवा में की गयी, जिसमें कोर्स के 60 से अधिक अधिकारी सपरिवार सम्मिलित हुए। साथ ही, कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाने में वसुधेव कुटुम्बकम के अनुरूप सहयोग किया। इसके बाद, ऊटी एवं मलपै में वार्षिक समागम तथा 2017 में Tashkent और 2019 में रूस में अंतरअष्ट्रीय स्तर पर SS 22 Course के समागम सफलता पूर्वक आयोजित किए गए। विगत 03 वर्षों से कोविड के बढ़ते प्रभावों के कारण वार्षिक समागम को स्थगित करना पड़ा।

50 से अधिक कमीशन प्राप्त भूतपूर्व सैनिक अधिकारियों ने सपरिवार सहभागिता की।

वर्तमान कार्यक्रम का कार्यस्थल दक्षिण से उत्तर की ओर सभी अधिकारियों के सुझाव एवं सहमति पर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दिनांक 24-27 अप्रैल को किया गया। इसमें कोर्स के लगभग 50 से अधिक अधिकारी सम्मलित हुए एवं समस्त कार्यक्रम के समन्वयक ब्रिगेडियर रमेश अत्री रहे, जिन्होंने पूरे मनोयोग से कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार करने से लेकर कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को मूर्त रूप दिया ।

उल्लेखनीय है कि SS 22 Course ने भारतीय सेना को 06 मेजर जेनरल, 10 ब्रिगेडियर तथा शेष कर्नल स्तर के अधिकारी दिए हैं जिन्होंने सेना के विभिन्न अंगों में अपने अपने दायित्वों का निर्वहन सफलता पूर्वक करते हुए कोर्स एवं सेना का नाम रोशन किया है। इस कोर्स के मेजर एनo एसo सांगवान सैन्य सेवा के बाद जन सेवा करते हुए हरियाणा से विधायक रहे हैं। इसी कोर्स से उत्तर प्रदेश काडर के IAS कैप्टन संतोष द्विवेदी व हिमाचल प्रदेश से IPS कैप्टन केo एसo सडियाल तथा एक शिक्षाविद कैप्टन प्रोफ़ेसर डॉक्टर सीo एमo चितले हुए हैं । सेवा निवृत्ति के पश्चात Association of Democratic Reforms के माध्यम से नागरिक जागरूकता की अलख जगाने में मेजर जेनरल अनिल वर्मा का विशेष योगदान रहा है ।

इसी कोर्स के (SS 22) कर्नल विजय महाजन अलंकरण प्राप्त अधिकारी हैं, जिन्हें सेना में असाधारण वीरता के लिए “युद्ध सेवा मेडल” से अलंकृत किया गया। कर्नल बहादुर सिंह बिष्ट को शौर्य चक्र व कर्नल विजय कुमार को “सेना मैडल” एवं “विशिष्ट सेवा मेडल” से अलंकृत किया गया। अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेना प्रतिनिधित्व ब्रिगेडियर अरुण बाली ने “संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना” में भारतीय प्रतिनिधि अधिकारी के रूप में कार्य किया है ।

चार दिनों के विभिन्न कार्यक्रम की व्यस्तता एवं पुरानी यादों के साथ सभी अधिकारी एक दूसरे से गले मिलकर अगले समागम में मिलने के वादे के साथ एक दूसरे से विदा लेकर अपने अपने स्थानों के लिए “जय हिंद – जय भारत” के उदघोश के बाद रवाना हुए।

रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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