करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2023-24 या आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। इस अवधि तक रिटर्न नहीं भरने पर जुर्माना समेत कई तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, अगर आप 31 जुलाई से पहले आईटीआर भर देते हैं तो जल्द रिफंड मिलने समेत पांच फायदे होंगे।
दस्तावेज जुटाने को मिलेगा समय, कम होंगी गलतियां
समय से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने से आपको सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी एकत्र करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इससे आपके आयकर रिटर्न में सटीकता सुनिश्चित होगी और गलतियां होने की आशंका कम रहती है। इन जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, फॉर्म-16, सैलरी स्लिप, बैंक या डाकघर से मिलने वाला ब्याज प्रमाणपत्र, कर बचत निवेश प्रमाण और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम रसीदें आदि शामिल हैं।
कमियां सुधारने और सत्यापन में आसानी
रिटर्न दाखिल करना प्रक्रिया का सिर्फ आधा हिस्सा है। इसके बाद आपको इसे सत्यापित भी करना पड़ता है। मौजूदा कर कानूनों के मुताबिक, आपको आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर इसे सत्यापित करना होता है। जल्द रिटर्न भरने से इसे सत्यापित करने और कोई गलती होने पर उसे सुधारने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
नहीं भरना पड़ेगा विलंब शुल्क
31 जुलाई से पहले रिटर्न भरने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। हालांकि, इसके बाद और 31 दिसंबर, 2024 से पहले रिटर्न भरने पर विलंब शुल्क भरना पड़ सकता है। अगर सालाना कमाई 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो 5,000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। जुर्माने की राशि बढ़कर 10,000 रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि, सालाना आय 5 लाख रुपये से कम होने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
जल्द मिल जाएगा आयकर रिफंड
बिना देरी के आयकर रिटर्न दाखिल करने से टैक्स रिफंड की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। इसका मतलब यह है कि 31 जुलाई से पहले आयकर रिटर्न भरने से करदाताओं को उनका बकाया रिफंड जल्दी मिल सकता है, जिससे उन्हें समय पर जरूरी वित्तीय राहत मिल सकती है।
कर विभाग से नहीं आएगा नोटिस
नियत तिथि तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है और जांच शुरू कर सकता है। इससे पूछताछ जैसी अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। समय पूर्व रिटर्न भर इन परेशानियों को टाला जा सकता है।