डीआरडीओ ने हथियार पता लगाने वाला स्वदेश में विकसित रडार सेना को दे दिया है। इसकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर की जाएगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल ऐंड कैमिकल (एनबीसी) रेकी व्हेकिल और एनबीसी ड्रग सेना को सौंपी। सूत्रों ने बताया कि प्रायोगिक तौर पर नियंत्रण रेखा पर हथियारों का पता लगाने वाले चार रडार (डब्ल्यूआरएल) तैनात किए गए हैं और यह फायदेमंद साबित हुए हैं क्योंकि इनकी तैनाती के बाद से पाकिस्तान की ओर से तोपों से होने वाली गोलेबारी में कमी आई है।
डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डब्ल्यूएलआर स्वाथी 50 किमी की रेंज में मोर्टार, गोले और रॉकेट हथियारों की सटीक स्थिति बता सकता है।
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