बाराबंकी। किसानों के हित में यूपी और केंद्र सरकार जहां लगातार बेहतर के लिए प्रयास कर रही है। वहीं जिले में बैठे जिम्मेदार उस पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला बाराबंकी जिला के नवाबगंज तहसील क्षेत्र में farmers’ land अधिगृहण के बाद एनएचएआई की ओर से निर्मित लखनऊ आउटर रिंग रोड (फैजाबाद रोड से सीतापुर रोड सेक्शन) से जुड़ा है। जिसमें अधिगृहीत मुजफ्फरमऊ और छतेना गढ़ी के लगभग आधा दर्जन किसानों की भूमि का मुआवजा अभी तक विशेष भूमि अध्यापित कार्यालय बाराबंकी से 15/09/2017 को भेजे गये पत्र संख्या 539 के जवाब में अटका पड़ा है। जबकि लखनऊ आउटर रिग रोड आधे से ज्यादा पूरी होने की कगार पर है। लेकिन जिम्मेदारों के कारण किसानों के साक्ष्यों के आधार पर पत्र न लिखकर मनमाने तरीके से अनदेखी की जा रही है। जिसके कारण किसानों में असंतोष की भावना व्याप्त है।
farmers’ land, लेखपाल और कानूनगो की गलत रिपोर्ट का खामियाजा भुगत रहे किसान
किसानों ने बताया कि लेखपाल और कानूनगो ने मौके पर बिना मआइना और खातेदारों के कागजातों की जांच के ही गलत रिपोर्ट लगा दी। जिसके कारण किसानों को बार बार अपनी ही जमीन गंवाने के बाद अपने ही पैसे के लिए संबंधित जिम्मेदारों के आगे पीछे दौड़ लगाने में फर्जी पैसा बर्बाद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
गृहमंत्री से शिकायत के बावजूद जिम्मेदार नहीं ले रहे संज्ञान
किसानों पूरी स्थिति से संबंधित शिकायती पत्र पिछले महीने 29 मई को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर वीवीआईपी गेस्टहाउस लखनऊ में दिया था। जिसमें आश्वासन दिया गया था कि शीघ्र ही मामले में सही रिपोर्ट लगाने के लिए निर्देश दिया जायेगा। जिसके बावजूद जिम्मेदार सुधरने का नाम नहीं ले रहे है।
भ्रष्ट सहायक अधिशासी अभियंता सही रिपोर्ट के लिए कर रहा पैसे की मांग
किसानों ने बताया कि अधिशासी अभियंता बाराबंकी प्रखंड शारदा नहर ने सहायक अधिशासी अभियंता द्वितीय एवं पंचम उपखण्ड शारदा नहर बाराबंकी को संलग्नक के साथ रिपोर्ट देेने के लिए कहा था। लेकिन भ्रष्ट सहायक अधिशासी अभियता ने बगैर पैसे के सही रिपोर्ट लगाने से साफ मना कर दिया। जिससे किसानों में आक्रोश की भावना व्याप्त है।