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सात साल में पहली बार छक्का नहीं लगा पाई टीम इंडिया

टीम इंडिया को शनिवार को लॉर्ड्‍स में इंग्लैंड के हाथों दूसरे एक दिवसीय मैच में इंग्लैंड के हाथों 86 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड ने यह मुकाबला जीत तीन मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी की। इस हार के दौरान टीम इंडिया ने 7 साल बाद ऐसा अनचाहा कारनामा किया, जिसे वे कभी भी अपने नाम पर नहीं चाहेंगे।

जवाब में टीम इंडिया की पारी

इंग्लैंड के 322/7 के जवाब में टीम इंडिया की पारी 236 रनों पर सिमटी, लेकिन है‍रतअंगेज ढंग से इस पारी के दौरान भारत की तरफ से एक भी छक्का नहीं लगा। टीम इंडिया के साथ ऐसा 7 साल बाद हुआ। इससे पहले ऐसा भारत के साथ 2011 विश्व कप सेमीफाइनल में हुआ था।

धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले
नॉटिंघम में पहले मैच में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय बल्लेबाज दूसरे मैच में नाकाम रहे। भारत की तरफ से 16 चौके लगे, लेकिन छक्का एक भी नहीं लग पाया। शिखर धवन ने सबसे ज्यादा 6 चौके लगाए। इंग्लिश गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को बड़े शॉट्‍स खेलने नहीं दिए और मेहमान बल्लेबाज संघर्षरत दिखे। सुरेश रैना ने सबसे ज्यादा 46 रन बनाए, लेकिन वे मात्र 1 चौका लगा पाए। इसी तरह विराट ने 45 रनों में 2 चौके लगाए।

2011 विश्व कप सेमीफाइनल मैच में
भारत के लिए ऐसा पिछली बार पाकिस्तान के खिलाफ 2011 विश्व कप सेमीफाइनल मैच में हुआ था। वैसे अच्छी बात यह रही थी कि भारत ने इस मैच को 29 रनों से जीता था। भारत ने इस मैच में 30 चौके लगाए, लेकिन छक्का एक भी नहीं लग पाया था।
भारत ने पीसीए स्टेडियम में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और 9 विकेट पर 260 रन बनाए। सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने भारत को तेज शुरुआत दिलाई। तेंडुलकर ने 11 चौकों की मदद से 85 रन बनाए तो सहवाग ने 9 चौकों की मदद से 38 रन बनाए। टीम में महेंद्रसिंह धोनी, युवराज सिंह, विराट कोहली, गौतम गंभीर, सुरेश रैना जैसे दिग्गज मौजूद थे लेकिन एक भी छक्का नहीं लगा था।-एजेंसी

 

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