रायबरेली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में जिले के पहले स्मार्ट ग्राम Taudhakpur तोधकपुर का जिक्र होते ही यह ग्राम सभा देश दुनिया में चर्चित हो गया। देश दुनिया के नक्शे पर अपने छोटे से गांव को लाने में जतन करने वाले अमेरिका में रह रहे रजनीश शंकर बाजपेई, ग्राम प्रधान कार्तिकेय शंकर बाजपेई के छोटे भाई हैं। उन्होंने गांव को स्मार्ट बनाने के लिए व खुले में शौच से मुक्त करने के लिए गांव भर में सार्वजनिक स्थानों पर अपने पैसे से सीसीटीवी कैमरे और जागरूकता के लिए लाउडस्पीकर सिस्टम लगाया।
Taudhakpur : सुबह से ही जागरूकता संदेश गीत
प्रधान कार्तिकेय शंकर बाजपेई बताते हैं कि ग्राम सभा के अधिकांश बिजली के खंभों पर लगाए गए लाउडस्पीकरों के माध्यम से गांव वालों को खुले में शौच से परहेज के लिए प्रेरित किया गया। सुबह 6:00 बजे से लाउडस्पीकर पर साफ सफाई वाले संदेश गीत के साथ साथ महात्मा गांधी के भजन भी सुनाए जाते थे और इन्हीं लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को खुले में शौच न जाने के लिए प्रेरित किया जाता था।
- जागरूकता का काम पूरा होने के बाद CCTV कैमरा के माध्यम से लोगों को खुले में शौच जाते पकड़ा भी गया तथा कुछ लोगों पर अर्थदंड भी ग्राम सभा द्वारा लगाया गया था।
- जागरूकता के इस अभियान को गति तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडे ने दी। जिन्होंने ग्राम प्रधान और ग्राम वासियों के सहयोग से 48 घंटे में 400 से ज्यादा शौचालय बनवाने का उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड कायम कराया।
- वर्तमान में इस ग्राम सभा के दोनों मजरे खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त है।
गांव का प्राइमरी स्कूल भी स्मार्ट
गांव का प्राइमरी स्कूल पूरी तरह से स्मार्ट है। बाहर से देखने से यह कतई नहीं लगता कि यह सरकारी स्कूल है। बेसिक शिक्षा विभाग ने यहां के प्राइमरी स्कूल को इंग्लिश मीडियम का दर्जा भी दे दिया है।इस स्कूल के कायाकल्प में प्रवासी भारतीय रजनीश शंकर और उनके भाई कार्तिकेय शंकर बाजपेई ने लगभग 1 लाख से अधिक की राशि लगायी, जिससे यह संभव हो सका है।
कूड़ा निस्तारण संयंत्र चालू होने के इंतजार में
गांव में सॉलिड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट ( SLRM ) सेंटर भी स्थापित हो चुका है। इसके चालू होने का इंतजार गांव वाले शिद्दत से कर रहे हैं। यह सेंटर गांव की पुरानी धर्मशाला में बनाया गया है। यह धर्मशाला गांव की बुजुर्ग महिला गंगा देवी ने ग्राम सभा को दान में दे दी थी। ग्राम प्रधान द्वारा इसका इसका पुनर्निर्माण कराया गया है। 1 वर्ष पहले चेन्नई से आए श्रीनिवासन ने गांव के 35 लोगों को कूड़ा प्रबंधन की ट्रेनिंग भी दी थी। जिसके लिए करीबन 12 लाख रुपए के बजट की दरकार थी। बजट ना मिलने से कूड़ा निस्तारण की यह योजना अभी भी अधर में लटकी हुई है।
ग्राम प्रधान के मुताबिक गांव के हर घर को डस्टबिन दिए जाने थे। कूड़ा हर 12 घंटे में घरों से एकत्र किया जाना था और इस कूड़े को 156 भागों में बांटकर पैकिंग करके बेचे जाने की योजना थी। गांव वालों का कहना है कि अगर यह योजना भी सफल हो गयी तो गांव की सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी।
गांव तो स्मार्ट पर सड़क बदहाल
तोधकपुर ग्राम सभा तो निजी और सरकारी प्रयासों के चलते स्मार्ट हो चुकी है लेकिन गांव जाने वाली रोड पूरी तरह से बदहाल है। यह स्मार्ट ग्राम रेल कोच फैक्ट्री से लालगंज तहसील को जाने वाले संपर्क मार्ग पर बसा है, कहने के लिए लोक निर्माण विभाग में इसके गड्ढों में पैचिंग करा दी है लेकिन यह पैच भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं।
कौन है रजनीश शंकर बाजपेई..
प्रधानमंत्री ने मन की बात में प्रवासी भारतीय जिन रजनीश शंकर बाजपेई का नाम लिया गया, वह स्मार्ट ग्राम रायबरेली जनपद के तोधकपुर के मूल निवासी है। ट्रिपल आईटी हैदराबाद से एमटेक करने वाले रजनीश शंकर अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत के माउंटेन व्यू शहर में सिनोप्सिस इंफॉर्मेशन कंपनी में सीनियर टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर है। करीबन 7 वर्ष पहले वह अमेरिका गए थे। अमेरिका के जीवन से प्रेरणा लेकर ही रजनीश शंकर बाजपेई ने गांव को स्मार्ट बनाने का बीड़ा उठाया और स्मार्ट ग्राम नाम से ऐप भी बनाया। उन्होंने इसके लिए करीब 5 लाख रूपये गांव के विकास पर लगा दिए। रजनीश आज भी अपने बड़े भाई और ग्राम प्रधान कार्तिकेय शंकर बाजपेई को गांव के विकास में आर्थिक और तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहे हैं।