लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इंडपेण्डेण्ड स्कूल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा रोड मैप फार इम्पलीमेण्टेशन ऑफ न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020- यूपी कॉन्टेक्स्ट विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेन्स में प्रतिभाग किया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 देश की शिक्षा व्यवस्था में अमूल-चूल परिवर्तन करने के लिये लायी गई है।
पहली बार एक होलिस्टिक तरीके से शिक्षा के हर स्तर तक आंगनबाड़ी, प्राइमरी से लेकर स्नातक, परास्नास्तक तक बच्चों को रटाने के स्थान पर तार्किक, व्यवहारिक एवं सूझबूझ के साथ शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। हर बच्चा अपने आप में यूनिक है तथा बच्चों के अन्दर से असली टैलेंट निकालने में एनईपी बहुत सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि पहले के समय में बच्चों के सामने अवसर बहुत कम हुआ करते थे, लेकिन वर्तमान समय में अवसर के लिये विभिन्न क्षेत्र उपलब्ध हैं। नई शिक्षा नीति एक साथ कई क्षेत्रों में जाने का अवसर उपलब्ध कराती है। देश में टेक्नोलॉजी को लेकर नई सोच विकसित हुई है। नई शिक्षा नीति भी उसी के अनुरूप बनायी गई है।उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को स्थानीय भाषा में पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा, जिससे विद्यार्थी विषय को अच्छी तरह से समझ सकेंगे। आने वाले समय में सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड सहित सभी बोर्ड्स को नई शिक्षा नीति को लागू करना होगा।
मुख्य सचिव ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि उन लोगों को शिक्षित कर रहे हैं, जो नये भारत का निर्माण करेंगे और देश को विकसित बनायेंगे। शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार होना होगा, पढ़ाने के नये-नये तौर तरीकों को सीखना, जिससे बच्चे आने वाले समय के लिये हर तरह की चुनौतियों का सामना कर सकें। इस मौके पर मुख्य सचिव ने डॉ. मधु सूदन दीक्षित की ‘प्लानर 2023-23’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली, बड़ी संख्या में शिक्षाविद् आदि उपस्थित थे।