इस बार शिव जी के प्रिय महीने यानि सावन की शुरुआत शनिवार से हुई। सावन आैर शनिवार का ये संयोग अत्यंत अशुभकारी माना जा रहा है क्योंकि शिव, शनिदेव के भी आराध्य है आैर उन्हें शिवांश भी कहा जाता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती का प्रकोप है वे Rudrabhishek करके कष्टों आैर इसके कठोर प्रभावों से राहत पा सकते हैं।
Rudrabhishek : ऐसा दुर्लभ संयोग कई वर्षों में एक बार
इस संयोग को बेहद खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि यह दुर्लभ संयोग कई वर्षों बाद देखने को मिल रहा है। इस दिन से विधि पूर्वक पूजा करके जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती का प्रकोप है वे रुद्राभिषेक करके कष्टों आैर इसके कठोर प्रभावों से राहत पा सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार जहां शनि दंड आैर न्याय के देवता हैं तो वहीं, उनके आराध्य शंकर जी कल्याणकारी आैर सहज प्रसन्न होने वाले भोलेनाथ कहे जाते हैं। एेसे में सावन माह की शुरूआत में ही शिव की कृपा दृष्टि प्राप्त करने के इस अवसर का लाभ उठा कर शनि के प्रकोप से छुटकारा पाया जा सकता है।
रुद्राभिषेक आैर मंत्रों से करें पूजा
जिन लोगों को शनि की दृष्टि से कष्ट उठाना पड़ रहा है वे सावन के पहले ही दिन से शिव जी कि विधि विधान से पूजा प्रारंभ कर दें। इसके लिए वे प्रथम दिन पर ही रुद्राभिषेक तो करें ही साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें। विशेष रूप से जो लोग तकनीकी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं शनि के प्रकोप का शिकार हैं वे तो अवश्य ही इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें। इसके अलावा आप शनि के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
इन तरीकों से भी करें अभिषेक
हिंदू धर्म में सावन माह शिव जी की आराधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इन दिनों शिव जी का विभिन्न प्रकार से अभिषेक करने से मनचाहा फल मिलता है, एेसा पंडितों आैर ज्योतिषियों का मानना है। इसलिए आप नीचे दिए गए तरीकों से पूरे माह शिवजी का अभिषेेक करके उन्हें प्रसन्न कर आर्शिवाद प्राप्त कर सकते हैं।
शिव पर इत्र से अभिषेक करने पर काम सुख व भोग में वृद्धि होती है।
शिव जी पर दूध का अभिषेक करने से बुद्धि प्रखर होती है।
संतान सुख प्राप्त करने के लिए शिव जी पर घृत से अभिषेक करें।
शिव पर गंगा जल से अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आनंद की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करें।
भोलेनाथ पर शहद के अभिषेक से टीबी रोग का अंत होता है।