रायबरेली। डलमऊ कस्बे के मकनपुर घाट पर लकड़ियों की दुकान लगाएं दुकानदारों द्वारा इस समय मनमानी दाम पर लकड़ी बेच कर शव यात्रियों का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उक्त स्थान पर लगी लकड़ी की दुकानों के दुकानदारों का खेल यहीं नहीं रुकता मुसीबत की घड़ी में आए शव यात्रियों की मजबूरियों का फायदा उठाने में जरा सा भी गुरेच नहीं करते हैं।
मकनपुर घाट : सिर्फ 4 दुकानदारों को है अनुमति
महंगे दामों पर लकड़ी बेचने की बात कौन कहे यहां पर प्रत्येक कांटे की तौल पर ही घटतौली का खेल खेला जा रहा है। दुकानदारों की दबंगई के सामने शव यात्री भी बेबस है, आखिर वह अपनी शिकायत करें तो कैसे जब जिम्मेदार अधिकारी ही चुप्पी साधे हो तो भला दुकानदारों के हौसले कैसे बुलंद नहीं हो सकते।
नगर पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार डलमऊ कस्बे के मकनपुर घाट पर सिर्फ 4 दुकानदारों का ही लकड़ियों की व्यापार करने का परमिशन मिला हुआ है। वही उक्त घाट पर लगभग 2 दर्जन से अधिक अवैध रूप से लकड़ियों की दुकाने संचालित है। गंगा का जलस्तर बढ़ा होने की वजह से शव यात्रियों को शवो का दाह संस्कार करने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि डलमऊ श्मशान घाट पर प्रत्येक दिन 40 से 50 शवो का दाह संस्कार करने के लिए जनपद के कोने-कोने से यात्री आते हैं। घाट पर अवैध रूप से लगी लकड़ियों की दुकानों से श्मशान घाट पर शवों का दाह संस्कार करने के लिए जगह ही नहीं मिलती।
एक परमिशन की आड़ पर चलती है दर्जनों दुकान
डलमऊ कस्बे के मकनपुर घाट पर भले ही लगभग चार दुकानों का लकड़ी बेचने का परमिशन मिला हो, लेकिन एक परमिशन की आड़ में यहां के दुकानदार दर्जनों दुकाने चला रहे हैं जिससे डलमऊ नगर पंचायत के राजस्व का भारी मात्रा में हनन हो रहा है। कस्बेवासियों की माने तो मकनपुर घाट पर लगी दुकान नगर पंचायत की है। इसके बावजूद भी नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा ना तो इनकी दुकानों का वर्षों से कर बढ़ाया गया है और ना ही लाइसेंसों का रिन्यूवल कराया गया है। पुराने लाइसेंस के आधार पर यहां पर दुकान अवैध रूप से संचालित हैं, जिससे नगर पंचायत के राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में होता है खेल
डलमऊ कस्बे के शमशान घाट पर इस समय धड़ल्ले से शव यात्रियों का शोषण किया जा रहा है और यहां के दुकानदार जमकर अवैध रूप से धन की कमाई कर रहे हैं। श्मशान घाट पर अवैध रूप से लगी लकड़ियों की दुकानों के दुकानदारों ने महंगे दामों पर लकड़ी बेचना, उसके बाद घटतौली करने मे तो माहिर है ही ,नजर चूकी तो कांटा मारने में भी जरा सा समय नहीं लगता।
सूत्रों की माने तो उक्त घाट पर दुकानदारों द्वारा मनमानी दामों पर मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनाया जाता है जबकि प्रमाण पत्रों का रजिस्ट्रेशन बरसों पहले ही समाप्त हो चुका है। शमशान घाट पर लगी लकड़ियों की दुकानों के दुकानदारों द्वारा मनमानी दाम लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता है जबकि इन दुकानदारों ने वर्षों से रजिस्ट्रेशन का रिन्यूवल भी नहीं कराया गया। दूर दराज से आने वाले शव यात्री मुसीबत की घड़ी में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी अभिलेखों में प्रयोग करते हैं। प्रमाण पत्रों में पढ़ने वाला रजिस्ट्रेशन संख्या नंबर वर्षों से रिन्यूवल ही नहीं कराया गया।
इस संबंध में डलमऊ एसडीएम जीत लाल सैनी ने बताया है कि घाट पर अवैध रूप से दुकानें संचालित है व महंगे दामों पर लकड़ियों को बेचने के साथ-साथ घटतौली की शिकायत आई है। मामला मेरे संज्ञान में है इसके लिए अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जायेगी, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी जारी होने से संबंधित कोई भी शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो दुकानदारों पर कठोरात्मक कार्यवाही की जाएगी।
मोहित कुमार/रत्नेश मिश्रा