लखनऊ। लोकतंत्र के इस 72 वें महापर्व पर अच्छाई का संकल्प लें यह बात एसआर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन पवन सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा । उन्होंने कहा कि यह महापर्व है, इस पर हमें संकल्प लेने होंग, संकल्प शक्ति मजबूत होगी तो प्रगति के रास्ते स्वतः बन जाएंगे। हम रोज अच्छे बनें, स्वस्छ बनने का संकल्प लें। यह भी किसी राष्ट्रसेवा से कम नहीं है। हम लोग जितनी अच्छी पढ़ाई करेंगे, उतने अच्छे ही खिलाड़ी भी बनेंगे। हकीकत में बड़ा वही बनेगा जो अपने काम को नियमित करेगा। जब हमारे अंदर दूसरों के लिए कुछ करने का भाव विकसित होता है। ईश्वर हमारी प्रगति के मार्ग खुद अग्रसर करेगा। आपकी एक अच्छी सलाह देश में बड़ा बदलाव ला सकता है।
महापर्व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
लोकतंत्र के महापर्व के इस अवसर पर मुख्य अतिथि बाबा हरदेव सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर पवित्र दिन पर विद्यालय संकुल में आकर गदगद हूं। देश के बच्चे और शिक्षक जब अपना दायित्व ठीक तरीके से निभाते हैं तो देश का भविष्य उज्ज्वल होता है। जापान के बच्चों ने कहा था कि देश पर हमला हुआ तो गौतम बुध्द का भूल जाएंगे और सेनापति का सिर काट देंगे। देशभक्ति की सीख हम जापान से समझ सकते हैं।
बाबा हरदेव सिंह ने
बाबा हरदेव सिंह ने कहा कि हम आर्यावर्त तक पहुंच गए। सभी कल्याण देखें, सभी सुखी हों, सभी निरोग हों यह हमारी संस्कृति का उद्घोष था। हमने पराक्रमवादी संस्कृति से संकुचनवादी संस्कृति में पहुंच गए। इसके आगे शरणागत संस्कृति आई। अब हम प्रतिक्रियावादी संस्कृति के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। अगर हम देश को सशक्त बनाना चाहते हैं तो प्रतिक्रियावादी संस्कृति से पराक्रमवादी संस्कृति की ओर चलना पड़ेगा।
अष्टाबक्र की संस्कृति वाला देश है। यहां शरीर की बनावट और अपंगता नहीं देखी जाती है। ऋषित्व की संस्कृति आपके अंदर जज्बा पैदा करता है। जज्बा आगे बढ़ने वालों को पर्वत भी रास्ता दे देता है।
पूर्व खेल निदेशक विजय सिंह चौहान ने
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि और पूर्व खेल निदेशक उत्तर प्रदेश विजय सिंह चौहान ने कहा कि खिलाड़ी के नाते खिलाड़ियों को आगे बढ़ते देखता हूं तो मन गदगद हो जाता है। खिलाड़ी बढ़ेंगे तो निश्चित ही देश आगे बढ़ेगा।
विशेष सचिव विधानसभा सुरेंद्र प्रताप ने
विशिष्ट अतिथि और विशेष सचिव विधानसभा सुरेंद्र प्रताप ने बच्चों में देशभक्ति का जोश भर दिया। भारत में अनेक पर्व हैं, पर जश्न ए आज़ादी महापर्व है। ईश्वर को भले ही अलग-अलग नाम से जाना जाता हो, पर उसका मतलब एक है। हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है, परिवार दूसरे और हम अंतिम पायदान पर आते हैं। आज देश के लिए जान देने की नहीं जीवन अर्पित करने का समय है।
विधानसभा में अनुसचिव सुभाष राम ने कहा कि युवाओं को वर्तमान में जीना चाहिए। हमें यह देखना है कि जीवन में छोटी छोटी चीजें भी बड़ी बातें सिखाती हैं। सभी समस्याओं की जड़ में आर्थिकवाद है। आर्थिकवाद को जीवन का हिस्सा मत बनने दीजिएगा। जो आया है वो जाएगा, पर बार-बार मरने से शहीद बनना कहीं ज्यादा श्रेयस्कर है।