रायबरेली। पांचजन्य एवं राष्ट्रधर्म के पत्रकार एवं सम्पादक तथा देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के निधन से स्थानीय पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गयी। श्री बाजपेयी की गिनती अपने समय के जाने माने पत्रकारों में होती थी। यू.पी.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने श्री बाजपेयी के निधन पर जनपद के वरिष्ठ पत्रकार एवं उपजा के संस्थापक सदस्य कपिल दत्त अवस्थी के नेतृत्व में एक शोक सभा आयोजित की। जिसमें दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस मौके पर पत्रकारों ने अपने विचार भी व्यक्त किये।
श्रेष्ठ नागरिक बनने का संदेश देने आया हूॅ : अटल
बुजुर्ग पत्रकार कपिल अवस्थी ने बताया कि श्री बाजपेयी का रायबरेली से भी नाता रहा है। 08 दिसम्बर 1977 को श्री बाजपेयी स्व0 राजनारायन के चुनाव प्रचार के लिये रायबरेली आये थे। उसी दिन उन्होंने फिरोज गांधी कालेज छात्र संघ की सभा को संबोधित करते हुए छात्रों को अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कारों, देश के प्रति निष्ठा तथा माता पिता व समाज सेवा के लिये प्रेरित किया था।
मैं छात्रों को श्रेष्ठ नागरिक बनने का संदेश देने आया हूॅ : अटल बिहारी
उस अवसर पर मौजूद राजनैतिक लोगो ने उनसे छात्रों से राजनारायन के पक्ष में मतदान करने की अपील करने के लिये कहा। परन्तु श्री बाजपेयी ने कहा कि यह शिक्षा का मंदिर है, राजनीति का अखाड़ा नहीं। यहाॅ मैं छात्रों को श्रेष्ठ नागरिक बनने का संदेश देने आया हूँ।
जिलाध्यक्ष शिवमनोहर पाण्डेय ने कहा कि श्री बाजपेयी एक श्रेष्ठ पत्रकार, हिन्दी के उद्भट विद्वान तथा निर्विवाद देशभक्त थे। उनके निधन से देश में एक बड़ा शून्य निर्मित हो गया है। जो जल्दी भरना सम्भव नहीं है।
इस अवसर पर जिला महामंत्री राजेश मिश्रा, सतीश मिश्रा,बीएन मिश्रा, रजनीश पाण्डेय, दुर्गेश मिश्रा, राधा कृष्ण शुक्ल, सुधीर मिश्रा, श्रीधर दुबे, डीएस मिश्रा, रत्नेश मिश्रा, राहुल यादव, मदन सिंह परिहार, पंकज गुप्ता, नरेन्द्र सिंह, अमित मोहन, शैलेन्द्र सिंह, शैलेष शुक्ला, रोहित मिश्रा, प्रभाकर त्रिपाठी, सुधीर त्रिपाठी, अरूण पाण्डेय, केदार शास्त्री, संतोष सोनकर आदि उपस्थित रहे।