लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर गन्ना किसानों के शोषण का आरोप लगाते हुये कहा है कि गन्ने का पेराई सत्र चालू होने के बावजूद इस वर्ष गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया, जिसके कारण किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा है।
श्री दुबे ने कहा कि उप्र के 75 जनपदों में से 44 जनपद गन्ना बाहुल्य जिले हैं और इन 44 जनपदों का किसान गन्ने की खेती पर ही निर्भर है। 119 चीनी मिले इस समय गन्ने की पेराई का काम कर रही हैं। पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के चलते सरकार ने गन्ना मूल्य की घोषणा चुनावी लाभ के लिए की थी परन्तु इस वर्ष किसी तरह का चुनावी लाभ न मिलने के कारण अभी तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया जोकि किसानों के साथ सरासर अन्याय है।
श्री दुबे ने राज्य सरकार पर मिल मालिकों का हितैषी होने का आरोप लगाते हुये कहा कि वर्तमान सरकर का किसानों से कोई सरोकार ही नहीं है इसलिए गन्ना मूल्य घोषित करने से सरकार कतरा रही है। यदि सरकार शीघ्र ही गन्ने का लाभकारी मूल्य की घोषणा के साथ साथ गन्ने के बकाया मूल्यों का भुगतान नहीं करेगी तो राष्ट्रीय लोकदल आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा।
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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह के निर्देश पर पार्टी द्वारा पूरे प्रदेश में किसान संदेश अभियान की शुरूआत की गयी है जिसमें गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित कराने व बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसानों के 1 लाख से अधिक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भेजे जा रहे हैं।