गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा. यह क्रूज वाराणसी से डिब्रूगढ़ और फिर बांग्लादेश तक की 3200 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा. यह 51 दिनों तक अपने सफर में रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (13 जनवरी) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज को हरी झंडी दिखा कर इसे रवाना करेंगे। इस विशालकाय क्रूज का नाम ‘गंगा विलास’ है। क्रूज के साथ ही पीएम मोदी वाराणसी में गंगा नदी के तट पर एक ‘टेंट सिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे। पीएमओ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।
इस क्रूज को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल देश की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और उसकी विविधता के खूबसूरत पहलुओं की खोज करने का एक अनूठा अवसर है। पीएमओ ने बताया कि क्रूजर में तीन डेक और 18 सुइट्स हैं और सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। पीएमओ के अनुसार पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक शामिल हैं, जो यात्रा की पूरी अवधि के दौरान इसमें रहेंगे।
पीएमओ ने कहा कि क्रूज को इस प्रकार तैयार किया गया है ताकि दुनिया के सामने देश की सर्वश्रेष्ठ चीजें प्रदर्शित हों। क्रूज के माध्यम से विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार के पटना, झारखंड के साहिबगंज, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बांग्लादेश के ढाका और असम के गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा की जा सकेगी। यह यात्रा पर्यटकों को एक भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता के अनुभव का अवसर प्रदान करेगी।
पीएमओ के अनुसार रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के अनुरूप ही यह सेवा इस क्षेत्र की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का फायदा उठाने और भारत के लिए पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत करने में मदद करेगी। पीएमओ ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने के लिए गंगा नदी के तट पर वाराणसी में ‘टेंट सिटी’ का निर्माण किया गया है।