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जी-20 थीम व लोगो के साथ कार्यक्रम आयोजित करें उच्च शिक्षण संस्थान- योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ। जी 20 की अध्यक्षता को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लिए एक अवसर माना है। इसके इतिहास में पहली बार सर्वाधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें विशेष रूप से उच्च शिक्षण संस्थानों का योगदान भी निर्धारित किया गया है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल भी उच्च शिक्षण संस्थानों में अपने कार्यक्रमों के माध्यम से जी ट्वेंटी इवेंट्स में सहभागिता के निर्देश देती हैं. जी-20 की बैठकों की मानवता के कल्याण के लिए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की थीम पर आधारित हैं।

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उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ, ग्रेटर नोयडा में भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक इसकी बैठकें आयोजित हो रही हैं। यह अपेक्षा की गई कि विश्वविद्यालय ऐसे मेधावी विद्यार्थियों का चयन करें, जो विदेशी भाषा के जानकार हों। ये छात्र जी-20 देशों के प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों स्टार्टअप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के अयोजन आदि से हिस्सेदारी कर सकते हैं।

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इस क्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि भारत के लिए गर्व का विषय है कि इस बार जी-20 सम्मेलन भारत में हो रहा है। इसके लिए 21 जनवरी को रन फार जी-20 दौड़ आगरा, वाराणसी, लखनऊ तथा ग्रेटर नोयडा में आयोजित की जायेगी। इसमें बड़ी मात्रा में कालेज और विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर जी-20 लोगो के साथ थीम का प्रचार-प्रसार किया जाए। युवा ही देश के भविष्य हैं।

देश को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी इनके कंधों पर है। राज्य सरकार विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उनका सर्वश्रेष्ठ योगदान देश के निर्माण में करना चाहती है। जी-20 आयोजन के दौरान राज्य सरकार का प्रयास है कि युवा शक्ति के योगदान एवं राज्य के उल्लेखनीय प्रगति को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस माह सड़क सुरक्षा माह का भी आयोजन किया जा रहा है। अतः सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम भी विश्वविद्यालयों में आयोजित किये जाए।

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प्रत्येक विश्वविद्यालय शासन की मंशानुसार शैक्षणिक कैलेण्डर का कड़ाई से पालन करें, साथ ही नकल विहीन परीक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा में सकारात्मक बदलावा ला रही है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सूचनाओं का समुचित संकलन किया जाए, एकेडमिक बैंक आफ क्रेेडिट की व्यवस्था की जाये तथा सभी विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रेरणा लेते हुए नैक मूल्यांकन में अच्छी रेटिंग प्राप्त करने हेतु प्रयास करें। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 को प्रोत्साहित करने के लिए महाविद्यालयों को जागरूक किया जाए।

रिपोर्ट -डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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