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भारतीय मेधा का दुनिया में सम्मान- राजनाथ सिंह

भारत अपने ज्ञान-विज्ञान के आधार पर गुरु बना था. विदेशी आक्रांताओ के कालखंड में राष्ट्रीय स्वाभिमान आहत और बाधित हुआ। लेकिन एक बार फिर भारत अपने गौरव को हासिल करने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। योग और आयुर्वेद जैसी भारतीय धरोहर दुनिया में प्रतिष्ठित हो रही है।

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आत्मनिर्भर भारत अभियान निरन्तर आगे बढ़ रहा है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान में महिलाएं और बालिकाएं भी समान रूप से सहभागी है। सेनाओं में कई ऐसे विंग्स थे, जहां महिलाओं के लिए दरवाजे बंद थे। सेनाओं और पुलिस बलों में महिलाएं लगभग न के बराबर थीं। आज महिलाएं वार शिप्स पर भी तैनात हो रही हैं और दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में भी महिलाओं की तैनाती हो रही है। आज लड़कियां भी किसी मामले में पीछे नहीं हैं। एक समय था जब लड़कियां केवल कुछ सर्विस सेक्टर्स में ही दिखाई देती थीं। आज जीवन का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जहां महिलाओं की भागीदारी न हो।

राजनाथ सिंह ने इंटीग्रल यूनीवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. कहा कि भारत आज अपनी प्रतिभा और नेतृत्व के लिए दुनिया में जाना जा रहा है। भारत के लोगों ने हमेशा अपने परिश्रम और काबिलियत से विश्व को नेतृत्व प्रदान किया है। आज दुनिया की तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ भारतीय मूल के है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अडोबी, आईबीएम, पालो आल्टो नेटवर्क, मास्टरकार्ड और न जाने कितनी कंपनियों का नेतृत्व भारतीय मूल के लोग कर रहे हैं।

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रक्षामंत्री ने कहा कि भारत सदैव लोग परस्पर प्रेम और सौहार्द के साथ रहते आए हैं। दुनिया के सबसे पुराने चर्चों में से एक सेंट थामस चर्च भारत के केरल राज्य में मौजूद है। इस्लाम के सभी बहत्तर फिरके नहीं मौजूद हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान की तरह डिजिटल अभियान भी आगे बढ़ रहा है. चिकित्सा, शिक्षा, कृषि इत्यादि में भी डिजिटल तौर तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से दूर दराज के इलाकों में बैठे लोगों का स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो रही है. डिजिटल क्रांति से अब देश के ग्रामीण इलाके भी अछूते नहीं हैं। आज देश में जो डिजिटल क्रांति आप देख रहे हैं, वह हमारे देश के युवाओं के लिए केवल सूचना प्रौद्योगिकी ही नहीं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में नए अवसर लेकर आई है। किसी भी छात्र के जीवन में दीक्षान्त समारोह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह वह अवसर है।

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जब विद्यार्थी पढ़ाई पूर्ण करके कैम्पस से बाहर निकलते है. उनको अपने ज्ञान से समाज और देश के हित में कार्य करना चाहिए. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। उनका उत्साहवर्धन किया। कहा कि डिग्री के साथ समाज के प्रति दायित्व बोध भी रहना चाहिए।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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