लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोमतीनगर स्थित एक होटल में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन एससीओ के प्रमुखों की 6वीं बैठक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए साझा मिशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों की भूमिका यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक संस्थानों का प्रभावी उपयोग किया जाता है।
उन्होंने इसके प्रति कायम सार्वजनिक विश्वास को भी महत्वपूर्ण बताया।राज्यपाल ने बैठक के चयनित विषय कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा को तेजी से ग्लोबल होती दुनिया के कामकाजों के दृष्टिगत महत्वपूर्ण चर्चा बताया। उन्होंने कहा कि ये सूचनाओं के संकलन मेें तेजी के साथ-साथ इसको उपयोग करने वाले को प्रामाणिक निर्णय लेने में मदद करता है। नई तकनीक और उपकरणों को अपनाने से धोखाधड़ी और कुप्रबन्धन का पता लगाने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है।
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साइबर सुरक्षा, संवेदनशील जानकारियों की रक्षा के दृष्टिगत संगठन से प्राप्त होने वाली सहायता की चर्चा भी की। सुशासन, जवाबदेही एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने में संगठन के कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया और सहायोग एवं सहकारिता को बढ़ावा देना जारी रखने की अपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि हम अपने लेखा परीक्षा कार्य की गुणवत्ता और प्रभावशाली सुधार के लिए कार्य कर सकते हैं।राज्यपाल ने बैठक में शामिल सभी शंघाई सहयोग संगठन र्साइं प्रमुखों को इस ऐतिहासिक नगर, लखनऊ के पर्यटन के लिए भी आग्रह किया।
इस अवसर पर बैठक में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।बैठक में अतिरिक्त उपनियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सुश्री रेबेका मथाई सहित चीन, तजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, रूस, एससीओ सेक्रेटिएट से बाइस प्रमुखों और अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।