केंद्र सरकार ने नई हज नीति में कई बदलाव किए हैं। इस बार हज के लिए आवेदन फॉर्म के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। हज खर्च में भी करीब पचास हजार रुपये की कमी आने की उम्मीद है। हज यात्रा के लिए विमान सेवाएं 25 शहरों से संचालित होगी। हर यात्री को खुद अपना प्रस्थान स्थल चुनने का अधिकार होगा।
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उन्होंने कहा कि इस बार हज के लिए महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाएगी। 45 वर्ष से अधिक उम्र की कोई महिला ‘मेहरम’ (नजदीकी पुरुष रिश्तेदार) के बिना आवेदन करती है, तो उसे हज पर जाने की अनुमति होगी। पहले महिलाओं को मेहरम नहीं होने की स्थिति में समूह में जाने की अनुमति थी।
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सूत्रों ने बताया कि इस साल हज यात्रा के प्रस्थान स्थलों (इम्बारकेशन प्वाइंट्स) में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, श्रीनगर, रांची, गया, औरंगाबाद, वाराणसी, जयपुर, नागपुर, कोच्चि, अहमदाबाद, लखनऊ, कन्नूर, विजयवाड़ा, अगरतला और कालीकट शामिल हैं। यात्री को खुद अपना प्रस्थान स्थल चुनने की आजादी होगी। फॉर्म में उसे दो प्रस्थान स्थलों को चुनना होगा। अभी तक यात्रियों के पास यह विकल्प नहीं था।
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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, नई नीति के तहत पहली बार प्रति यात्री हज पैकेज में करीब 50 हजार रुपये की कमी आएगी। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, हज यात्रा के लिए आवेदन पूरी तरह निशुल्क होंगे। अभी तक आवेदन करने वालों को फॉर्म के लिए तीन सौ रुपए चुकाने पड़ते थे। सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों का हजयात्रा के लिए चयन होगा, उन्हें प्रक्रिया से संबंधित कुछ शुल्क देने होंगे।