लखनऊ। बलरामपुर बॉयज हॉल में लखनऊ विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में 7 फरवरी 2023 को लखनऊ विश्वविद्यालय के परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा “छात्रों के समग्र विकास” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस आयोजन के लिए पैनलिस्ट में प्रो मधुरिमा प्रधान (निदेशक-परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रकोष्ठ), डॉ सिंधुजा मिश्रा (अतिथि वक्ता-शिक्षाविद् एवं प्रशिक्षक), डॉ वैशाली सक्सेना (उप निदेशक-क मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल और हैप्पी थिंकिंग लेबोरेटरी के उद्देश्यों के बारे में बताया।
नई शिक्षा नीति में छात्रों के शैक्षणिक के साथ-साथ सामाजिक और भावनात्मक कौशल में सुधार करके छात्रों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पाश्चात्य और भौतिकवादी संस्कृति के प्रभाव के कारण आज लोग मनुष्य होने का सही अर्थ जानने वाले बुद्धिमान दिमाग से सत्ता हासिल करने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि अनुभवों और निरंतरता से व्यक्तित्व की कमजोरी को दूर किया जा सकता है। बाहरी विशेषज्ञ डॉ सिंधुजा मिश्रा, शिक्षाविद् और प्रशिक्षक ने छात्रों को उनके व्यक्तित्व के मजबूत क्षेत्र और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए सुझाव दिए। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्वयं जागरूक बनाना और उनकी गतिविधियों की योजना बनाने का प्रयास करना था ताकि वे अपनी दक्षता बढ़ा सकें।
सफलता के जादुई मंत्र डॉ वैशाली सक्सेना ने बताए। उन्होंने जीवन में सफलता के लिए समय प्रबंधन की तकनीक भी बताई। प्रो अशोक कैथल ने कहा कि इन आयोजनों से छात्रों को मानसिक तनाव, चिंता और अन्य संबंधित मुद्दों को दूर करने में मदद मिलेगी जो व्यक्तिगत या पारिवारिक मामला हो सकता है।
इन मुद्दों पर काबू पाने से, सीखने के क्षेत्र में उनके प्रदर्शन में वृद्धि होगी क्योंकि भविष्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्वाभाविक रूप से सुधार होगा। डॉ अजय प्रकाश (प्रोवोस्ट-बलरामपुर हॉल बॉयज) द्वारा आयोजन का सफल समन्वय किया। इस कार्यक्रम को व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने में छात्र समन्वयकों ने भी भाग लिया।
छात्रों ने रोज़ाना खुद को प्रेरित कैसे करें, असफलता के वित्तीय और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को कैसे संभालें, बेरोजगारी के डर से कैसे निपटें, स्टैप डर, भीड़ में आत्म अभिव्यक्ति का डर, उस व्यक्ति को खोने का डर जिससे आप जुड़े हुए हैं, स्टेज भय, बुरी आदतों को कैसे बदलें, टालमटोल से कैसे निपटें, मानसिक स्थिति पर शारीरिक स्वास्थ्य का प्रभाव जैसे कई सवाल छात्रों ने पूछे।
छात्रों ने गुमनाम रूप से ज्यादा सोचने, अवसाद, असफलता के डर और जीवन में सकारात्मकता कैसे बढ़ाई जाए, इससे जुड़े कई सवाल पूछे। सम्मानित पैनलिस्ट द्वारा युवा लड़कों की संतुष्टि के लिए प्रश्नों का उत्तर दिया गया और सभी छात्रों के लिए एक बहुत ही इंटरैक्टिव और साथ ही उपयोगी सत्र था।