जैन मुनि तरुण सागर (Tarun Sagar) महाराज का आज 51 साल की उम्र में निधन हो गया है। कड़वे प्रवचन देने वाले वाले संत के नाम से मशहूर जैन मुनि तरुण सागर ने अपने प्रवचनों से समाज को जागरुक करने का काम किया है।
Tarun Sagar : मोबाइल नहीं, आदमी स्माइल से बनता है स्मार्ट
जैन मुनि के मुताबिक मोबाइल और स्माइल दो चीजे हैं। हाथ में मोबाइल भले न हो पर चेहरे पर स्माइल हर हाल में रहनी चाहिए क्योंकि आदमी स्मार्ट मोबाइल से नहीं बल्कि स्माइल से बनता है।
चाय में चीनी कम लेकिन जुबान मीठी
क्रोध पालना बुरा नहीं, बैर पालना गलत है। आपस में कितनी भी लड़ाई जरूर हो जाए, बोलचाल बंद मत करना। उन्होंने कहा कि कम बोलो, जितना जरूरी हो उतना बोलो, चाय में चीनी भले न डालो लेकिन जुबान मीठी रखो।
अपने भोजन के लिए किसी दूसरे को भूखा रखना अनुचित
अपना पेट भरने के लिए दूसरे का पेट क्यों फाड़ रहे हो। शराब की बिक्री पर कहा कि सरकार कहती है इससे हमें राजस्व मिलता है। शराब से राजस्व नहीं राक्षस पैदा होते हैं। लूट, चोरी, डकैती और बलात्कार आदि घटनाएं शराब पीने के बाद ही होती हैं।
बच्चों को संस्कार से परीपूर्ण करें ना की गाडी बंगले से
बुढ़ापा जीवन का अंतिम पड़ाव है। अगर आप अपने बुढ़ापे को सुखी बनाना चाहते हैं तो भले ही अपने बच्चों को कार न दें पर उन्हें संस्कार जरूर दें। संस्कारों से ही परिवार, समाज व देश ऊंचा उठता है।
जरूरत से अधिक खाने वालो को दवा की जरूरत पड़ती है
जो दबा-दबाकर खाते हैं वही दवाखाना जाते हैं। संयमित खान-पान से न तो बीमारी होगी और न ही व्यायाम की आवश्यकता बनेगी।