राजस्थान में फिर सियासी पारा चढ़ गया है। गहलोत समर्थक माने जाने वाले मंत्री महेश जोशी ने कहा है कि सरकार को कमजोर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जोशी का बयान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के बयान के बाद आया है।
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उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 25 सितंबर को सुबर 10 बजे तक राजनीतिक ड्रामा चला था। गहलोत समर्थक माने जाने वाले विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी क इस्तीफे सौंप दिए थे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया गया था।
इस पर मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठी थी। तब तीनों नेताओं को अनुशासन समिति की ओर से नोटिस दिए गए थे। तीनों ने नोटिस के जवाब भी दे दिए। लेकिन अधिकृत तौर पर मामला अनुशासन समिति के पास लंबित है। उत्सुकता इस बात है कि धारीवाल और राठौड़ के पास एक-एक पद है। ऐसे में इन दोनों पर क्या कार्रवाई होगी।
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रंधावा ने कहा था कि महेश जोशी का इस्तीफा कार्रवाई का हिस्सा है। इसके जवाब में महेश जोशी ने कहा कि पार्टी आलाकमान का निर्णय शिरोधार्य है। मैंने एक व्यक्ति एक सिद्धांत के तहत मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी।
जिसे सीएम गहलोत ने स्वीकार कर लिया है। अगर इसे कार्रवाई का हिस्सा माना जाए तो भी मैं इसका सम्मान करता हूं। जिन लोगों ने पार्टी और सरकार को कमजोर करने का काम किया है। उन पर भी कार्रवाई हो तो बराबरी का संदेश जाएगा।