• वृद्धाश्रम आनेपुर से हुई शुरुआत, 50 से अधिक मरीजों की हुई स्क्रीनिंग
औरैया। स्वास्थ्य विभाग का क्षयरोगी खोज अभियान सोमवार से जनपद के ग्राम आनेपुर स्थित वृद्धाश्रम से शुरू हुआ । अभियान के प्रथम चरण में 20 से 23 फरवरी तक सक्रिय मरीजों को खोजने का कार्य किया जाएगा। अभियान में 24 सुपरवाइजरों की देखरेख में 120 टीमें लगाई गई हैं।
प्रशिक्षित सामुदायिक सहयोगी बस्तीवासियों को करेंगे जागरूक
उप जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एपी सिंह की उपस्थिति में ग्राम आनेपुर स्थित वृद्धाश्रम में सोमवार को आधा सैकड़ा से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग हुई। डॉ सिंह ने जिलेवासियों से अपील की है कि वह अभियान में सहयोग करें।
उन्होंने बताया कि यह अभियान पांच मार्च तक चलेगा। इस दौरान क्षय रोगियों को चिन्हित कर उन्हें नि:शुल्क उपचार भी दिलाया जाएगा। अभियान की सफलता के लिए जिले में 24 सुपरवाइजरों की देखरेख में 120 टीमों का गठन किया गया है।
टीमें घर-घर पहुंचकर लोगों की जांच करेंगी। इस दौरान जिले की कुल आबादी के सापेक्ष 20 प्रतिशत अर्थात कुल 6 लाख लोगों में टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी।
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लक्षण मिलने पर सर्वे टीम उसी समय व्यक्ति के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी। रोग की पुष्टि होने पर दो दिन के भीतर व्यक्ति का उपचार शुरू हो जाएगा। पूरा अभियान तीन चरणों में रहेगा।
साथ ही बताया कि छह महीने तक उपचार लेकर क्षयरोगी अपनी जान बचा सकता है। इस दौरान जिला पीपीएम समन्वयक, एसटीएलएस सर्वेश कुमार एवं टीबीएचवी रोहित सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
प्रथम चरण में यहां पहुंचेंगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता
प्रथम चरण में वृद्धाश्रम, मदरसा, जेल, सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता, मजदूर वर्ग आदि की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद चिन्हित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रामीण अंचल के मरीजों को डॉट केंद्रों के माध्यम से उपचार दिलाया जाएगा।
यह लक्षण दिखें तो जरूर कराएं जांच
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला पीपीएम समन्वयक रविभान सिंह ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे। ऐसा बुखार रहता हो जो शाम को बढ़ जाता है। सीने में दर्द हो, बलगम के साथ खून आए, भूख न लगे और वजन घट रहा है तो यह टीबी हो सकता है। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के ये लक्षण दिखाई दें, तो उसकी जांच कराएं।
इलाज के लिए जिले में उपलब्ध सुविधाएं
जिला पीपीएम समन्वयक ने बताया कि जिले में कुल आठ टीबी यूनिट हैं। जांच के लिए 14 माइक्रोस्कोपिक सेंटर हैं, जहां बलगम की जांच होती है। दो एलईडी माइक्रोस्कोप हैं, एक सीबीनाट व चार टू-नाट मशीन है। एक डीआरटीबी सेंटर है, जिसमें चार बेड हैं। जिले में वर्ष 2023 में जनवरी से अब तक कुल 286 क्षय रोगी हैं। इनका इलाज चल रहा है।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर