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मलेरिया माइक्रोस्कोपी पर लैब टेकनीशियन्स हुए प्रशिक्षित

• अब बेहतर जांच व तकनीक से करेंगे मलेरिया की पहचान

कानपुर। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2030 तक मलेरिया रोग को जड़ से ख़त्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में गुरुवार को रामदेवी स्थित आरसीएच सभागार में जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लैब टेक्नीशियन का मलेरिया माइक्रोस्कोपी पर प्रशिक्षण हुआ।

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गोदरेज संचालित स्वयं सेवी संस्था पाथ-सीएचआरआई के सहयोग से दिसम्बर माह में मलेरिया माइक्रोस्कोपी पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया था, जिसमें कानपुर जिले से दो लैब टेक्नीशियन ने प्रशिक्षण लिया था। उन्ही के द्वारा कुल चार बैच में 80 लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षित किया गया।

मलेरिया माइक्रोस्कोपी पर लैब टेकनीशियन्स हुए प्रशिक्षित

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि मलेरिया रोग की पहचान के लिए माइक्रोस्कोपी विधि को गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है। इस विधि पर जिले के सभी एलटी को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश मलेरिया रोग की समय से पहचान करना है, ताकि मरीजों को समय रहते उचित और सही उपचार उपलब्ध कराया जा सके।

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जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में मुख्य रूप से मलेरिया के प्रकार, परजीवी की पहचान, संक्रमण का स्तर और मलेरिया के परजीवी का जीवन चक्र जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि बुखार के रोगियों की मलेरिया जांच आवश्यक है।

स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुँचने वाले बुखार के रोगियों की मलेरिया जाँच ब्लड स्लाइड बनाकर माइक्रोस्कोप द्वारा और फील्ड पर आरडीटी किट और ब्लड स्लाइड दोनों से की जा सकती है। इस प्रशिक्षक के बाद सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत मलेरिया जांच की जा सकेगी।

मलेरिया माइक्रोस्कोपी पर लैब टेकनीशियन्स हुए प्रशिक्षित

पाथ-सीएचआरआई के आईवीएम कोऑर्डिनेटर सीताराम चौधरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण से प्रयोगशाला प्रविधिकों का क्षमतावर्धन होगा जिससे वह और बेहतर ढंग से मलेरिया की जाँच कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिना समुदाय के सहयोग के मलेरिया को रोका नहीं जा सकता है।

मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से ढंकने वाले कपड़े पहने, मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर रोधी क्रीम का इस्तेमाल करें, विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मच्छर के काटने से बचाना आवश्यक है, बुखार आने पर अपनी जांच अवश्य करायें।

मलेरिया माइक्रोस्कोपी पर लैब टेकनीशियन्स हुए प्रशिक्षित

प्रशिक्षण में नीरज दीक्षित एवं पूनम (प्रशिक्षक), सहायक मलेरिया अधिकारी यूपी सिंह एवं भूपेन्द्र सिंह, प्रयोगशाला प्राविधिक एवं सहायक व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहें।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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