कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 2019 के ‘मोदी सरनेम’ मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं। लोकसभा सदस्यता छिनने के बाद Rahul Gandhi ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।
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उन्होंने स्पीकर पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि स्पीकर को मैंने दो बार खत लिखा। लेकिन, उन्होंने मिलने का वक्त नहीं दिया। मुझे डराकर, धमकाकर चुप नहीं करा सकते। मैं अपनी तपस्या जारी रखूंगा।
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राहुल गांधी के साथ उनके साथ कांग्रेस शासित राज्यों के दो सीएम भी है। प्रेस कांफ्रेस के वक्त राहुल के साथ अशोक गहलोत और भूपेश बघेल हैं। माना जा रहा है कि संसद से बाहर किए जाने और अपनी अगली रणनीति को लेकर राहुल गांधी मीडिया को संबोधित कर सकते हैं।
गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य (गुजरात) में अदालत द्वारा कर्नाटक के कोलार में 2019 में की गई एक टिप्पणी के बाद राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया था। Rahul Gandhi ने एक चुनावी रैली में बोलते हुए, नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे वांछित भगोड़ों की ओर इशारा किया था, और कथित तौर पर कहा था कि क्या ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी है’। इस मामले में गुजरात के तत्कालीन मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा तत्काल एक मामला दायर किया गया था।
इससे पहले शुक्रवार को राहुल ने कहा कि वह’कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार’ हैं। अदालत के फैसले के बाद उन्होंने कहा था, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य ही मेरा भगवान है। अहिंसा इसे प्राप्त करने का साधन है।”