• अर्दली बाजार में उल्फत बीबी के हाता व चोलापुर के मवईया गांव का किया निरीक्षण
• अभियान की गतिविधियों का जाना हाल, दिये आवश्यक निर्देश
वाराणसी। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की गतिविधियों का हाल जानने के लिए मंडलीय अपर निदेशक स्वास्थ्य डा मंजुला सिंह ने बुधवार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्र का दौरा किया। इसके साथ ही सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने लोगों से साफ-सफाई रखने के साथ ही मच्छर जनित बीमारियों के प्रति विशेष सर्तकता बरतने की अपील की।
मंडलीय अपर निदेशक स्वास्थ्य डा मंजुला सिंह पूर्वाह्न लगभग 11 बजे अर्दली बाजार क्षेत्र स्थित उल्फत बीबी के हाता पहुंची। वहां उन्होंने क्षेत्र की साफ-सफाई के साथ ही मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए की गयी व्यवस्था, दवा के छिड़काव आदि की जानकारी ली। इसके बाद वह चोलापुर क्षेत्र के मवईयां गांव पहुंची। उनके साथ जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय, बायोलॉजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह, सीएचसी चोलापुर के अधीक्षक डा आरबी यादव, अपर शोध अधिकारी अनिल पाण्डेय, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शिखा श्रीवास्तव के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी भी थे।
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मवईया गांव पहुंच कर डॉ मंजुला सिंह ने वहां चल रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान का स्थलीय निरीक्षण किया। गांव में हुई साफ-सफाई और झाड़ियों की कटाई, दवा के छिड़काव आदि के बारे में ग्रामीणों से बात की और वहां की व्यवस्था पर संतोष जताया। इसके साथ ही उन्होंने 17 अप्रैल से शुरू होने वाले दस्तक अभियान के बारे में जानकारी लेने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
डा मंजुला सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उन्होंने सम्बन्धित क्षेत्रों में साफ-सफाई तथा लोगों को मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। लोगों को गर्मी में होने वाले रोगों के बारे में अवगत कराया। इसके साथ ही आगामी दस्तक अभियान को लेकर मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि के साथ क्षय रोग एवं लू से बचने के लिए जरूरी जानकारी दी।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अधिकतर संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाले रोग होते हैं, जो किसी न किसी रोग जनित कारको (रोगाणुओं) और वायरस के कारण होते है। यह गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलते है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार आदि संचारी रोग के उदाहरण हैं। इसके अलावा क्षय रोग, कोविड-19 भी संक्रमक रोग की श्रेणी में आते हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि जागरुकता व साफ-सफाई के माध्यम से ही संचारी रोगों से बचा जा सकता है। इसके लिए निरंतर अभियान चलाकर समुदाय को पहले से ही जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संचारी रोगों के प्रति जागरूकता के लिए ही जिले में एक अप्रैल से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू किया गया है जो 30 अप्रैल तक चलेगा । इसके अन्तर्गत ही 17 अप्रैल से दस्तक अभियान शुरू किया जायेगा जिसमें आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करेंगी।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता