एक अध्ययन पर अगर गौर करें तो यह बहुत ही गंभीर मसला है जहाँ हमारे जवान अपनी जीवन शैली के चलते काल के गाल में समा रहे है। सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक केके शर्मा की माने तो सीमा की सुरक्षा के दौरान जवान कम शहीद होने की बजाए मानसिक रोग और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के चलते अधिक मर रहे हैं। श्री शर्मा के मुताबिक करीब ढाई लाख कर्मियों वाले सीमा सुरक्षा बल के जवानों की जीवनशैली पर किये गए एक अध्ययन के बाद यह बात सामने आयी है। यह बात श्री शर्मा ने ग्लोबल हेल्थ असिस्मेंट टूल्स के जरिए सीएपीएफ कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर कहीं।
हालांकि इस बात का जिक्र करने से के के शर्मा बचते रहे कि यह अध्ययन कब और कितने के लिए कराया गया था। श्री शर्मा ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों और अधिकारियों की दिनचर्या में योग शामिल करके उनकी जीवनशैली में कुछ सुधार लाने का प्रयास किया गया है, साथ ही उन्होंने जवानों के खान-पान और सामान्य रूटिन मेडिकल जांच में बदलाव के आदेश दिए हैं।