लखनऊ। यूपी उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दावा किया है कि इस बार बिजली दरें (Electricity Rates) कम होने का रास्ता साफ हो गया है। उपभोक्ताओं की तरफ से उठे सवालों पर बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग में गोलमोल जवाब दाखिल किया है।
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आयोग बिजली कंपनियों व उपभोक्ताओं की तरफ से रखे गए तर्कों के आधार पर फैसला सुनाएगा। उपभोक्ताओं के निकल रहे 25133 करोड़ सरप्लस धनराशि के एवज में बिजली दरें कम होने के आसार बढ़ गए हैं।
उपभोक्ताओं को मुआवजा कानून का लाभ दिए जाने पर बिजली कंपनियों ने लिखा है कि टेस्टिंग अंतिम दौर में है। बिजली दरें कम करने के मामले में लिखा है कि मामला अपीलेट ट्रिब्यूनल में है। यह जवाब पिछले दो साल से चल रहा है। ह़ड़ताल के दौरान हुए नुकसान के जवाब में बिजली कंपनियों ने लिखा है कि यह टैरिफ से संबंधित नहीं है।
नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य संजय सिंह से मंगलवार को मुलाकात कर बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल जवाब के हवाले से चर्चा के बाद अवधेश वर्मा ने यह जानकारी दी है।
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उन्होंने कहा है कि आपत्तियों पर कोई तर्कसंगत व कानून सम्मत जवाब बिजली कंपनियों ने दाखिल नहीं किया है। उन्होंने बताया है कि आयोग के चेयरमैन ने आश्वासन दिया है कि उपभोक्ताओं द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं का विश्लेषण करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि इसी महीने के अंतिम सप्ताह में आयोग द्वारा बिजली दरों पर फैसला दिए जाने की उम्मीद है।