मुंबई। सरकार की तरफ से कट-पॉलिश्ड हीरे Diamond पर आयात शुल्क 5 से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत और सोने के गहनों पर 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किए जाने की स्थिति में हीरे का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है। सोना पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत पर यथावत रहा है। कट-पालिश्ड हीरे पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने से पहले से ही कारोबार मंद चल रहा है। ऐसे में शुल्क बढ़ने पर हीरा जड़े गहनों का कारोबार 50-60 फीसद तक घटने की आशंका है।
नाइन Diamond के एमडी
नाइन डायमंड Diamond के एमडी संजय शाह के मुताबिक निर्यात किए गए हर 100 हीरों में से लगभग 5 फीसद खराब निकल जाते हैं, जिन्हें वापस मंगवाना पड़ता है। 5 फीसद खराब निकले हीरे की वापसी पर बढ़े शुल्क 2.5 प्रतिशत के आलावा जीएसटी मिलाकर 3 प्रतिशत अतिरिक्त चुकाना होगा। इस वजह से मुनाफा कम हो जाएगा।
दूसरी दिक्कत यह है कि भारत के छोटे कारखाना वाले अमेरिका, हांगकांग और जापान से ब्रोकन हीरे लाकर भावनगर, अहमदाबाद, सूरत में रिपेयरिंग करके 2.50-3 प्रतिशत मुनाफा कमाते थे, लेकिन यह मुनाफा डय़ूटी भरने में निकल जाएगा। हीरे के कारखाने बंद होते जा रहे हैं। पहले इन कारखाने में लगभग 20 लाख कारीगर काम करते थे, लेकिन फिलहाल उनकी संख्या घटकर 10 लाख से कम रह गई है।
मुनाफा कम होता जा रहा
अब हीरा कारोबार में मुनाफा कम होता जा रहा है। फिलहाल लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का लोकल कारोबार है, उसके आधा हो जाने की आशंका है। मुंबई डायमंड मर्चेंट्स एसोसिएशन के कारोबारी सदस्य भरत वी. शाह ने बताया कि कट-पॉलिश्ड हीरे पर शुल्क बढ़ने से आयात घटेगा। फिलहाल हीरा आभूषण बाजार में कामकाज कम चल रहा है। इसके कारण उस पर और असर पड़ेगा।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान भारत ने 14,607 करोड़ रुपए मूल्य के कट-पॉलिश्ड हीरे का आयात किया था। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों में आयात 38 प्रतिशत घटकर 4,112 करोड़ रुपए रह गया। सोने के गहनों पर शुल्क बढ़ने से दिक्कत नहीं सोने के आयातित आभूषण पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने का कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि घरेलू बाजार में आयातित आभूषण का हिस्सा बहुत कम है।
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मेहता के मुताबिक सोने के आयातित गहनों पर शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किए जाने से विशेष फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में बनने वाले कुल आभूषण में उसका हिस्सा केवल 5 प्रतिशत है।