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हादसे के बाद पहली बार उसी जगह से गुजरी कोरोमंडल एक्सप्रेस, बड़ी संख्या में मौजूद थे लोग

डिशा ट्रेन हादसे के बाद पहली बार कोरोमंडल एक्सप्रेस मंगलवार शाम उसी जगह से गुजरी जहां यह दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई। इस भीषण दुर्घटना के चार दिन बाद शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानागा बाजार स्टेशन से गुजरी।म चेन्नई से आ रही इस ट्रेन ने मंगलवार को 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटना स्थल को पार किया। जब ट्रेन गुजरी, बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे।

गत शुक्रवार को तीन ट्रेनों (दो एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी) की टक्कर के कारण क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत के बाद हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस पहली यात्री ट्रेन थी जो दुर्घटनास्थल से गुजरी। ट्रेन जब दुर्घटनास्थल से गुजरी तो अधिकतर यात्री खिड़कियों से बाहर हादसे की भयावहता को देख रहे थे, कुछ यात्री हतप्रभ थे जबकि बाकी ‘जगन्नाथ जगन्नाथ’ बुदबुदा रहे थे।

इस दौरान संबंधित अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। शुक्रवार को हादसे से पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस की स्पीड 128 किमी प्रति घंटा थी, जिसके बाद वह लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी में टकरा गई थी। देश के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में 288 लोगों की मौत हो गई और 1100 से अधिक घायल हो गए।

विशेषज्ञों ने कहा है कि दोनों यात्री ट्रेन तेज रफ्तार में थीं, इस कारण से भी दुर्घटना में इतने ज्यादा लोग हताहत हुए। रविवार की रात अप और डाउन दोनों लाइनों के बहाल होने के बाद से अब तक वंदे भारत एक्सप्रेस सहित 70 से अधिक ट्रेनें बहनगा बाजार स्टेशन से गुजर चुकी हैं।

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