समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में केन्द्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की विदाई का दावा किया है। इसके साथ ही यादव ने कहा है कि 2024 में पीडीए (PDA) की एकता एनडीए पर भारी पड़ेगी।
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पीडीए से यादव का इशारा पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यक मतदाताओं से है। उनका मानना है कि समाज का यह समुदाय बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से खासा नाराज है और इसका खामियाजा एनडीए को 2024 के आम चुनाव में भुगतना पड़ेगा। यादव ने ’80 हराओ, बीजेपी हटाओ’ का सियासी नारा बुलंद किया है। उन्होंने दावा किया है कि 80 संसदीय सीटों वाले उत्तर प्रदेश में PDA की एकजुटता के बल पर बीजेपी को हरा देंगे।
अखिलेश यादव के दावे के मुताबिक, PDA यानी पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 80 फीसदी से ऊपर है, जिसकी एकजुटता से राज्य की 80 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की हार तय होगी।
2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश की कुल आबादी का 20.80 फीसदी अनुसूचित जाति और 0.57 फीसदी अनुसूचित जनजाति है। यानी दलित हिस्सेदारी 21 फीसदी से ऊपर है, जबकि करीब 19 फीसदी मुस्लिम हिस्सेदारी है। अनुमानों के मुताबिक राज्य में करीब 40 फीसदी ओबीसी जातियों की आबादी है क्योंकि इसके आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।