अमृतसर। दशहरे की शाम रावण दहन के दौरान जोड़ा फाटक के पास घटित हृदयविदारक घटना के बाद पीड़ित परिवारों ने सरकार और रेलवे से नौकरी देने की मांग की है। मालूम हो कि डीएमयू जालंधर-अमृतसर एक्सप्रेस की चपेट में आने से करीब 59 लोगों की मौत हो गर्इ थी और दर्जनों की संख्या में लोग घायल हो गए। पंजाब सरकार ने घटना को लेकर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं तो रेलवे ने इस घटना की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है।
जोड़ा फाटक के पास रास्ता जामकर विरोध
हादसे के बाद से लोगों में खासा गुस्सा व्याप्त है। जिसके चलते यहां स्थानीय लोग जोड़ा फाटक के पास रास्ता जामकर पंजाब सरकार आैर रेलवे को जिम्मेदार बताते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। ट्रेन हादसे का शिकार हुए एक मृतक की मां का कहना है कि तेज गति की ट्रेन की वजह से हमारे बेटे की जान चली गर्इ है,वही परिवार का अकेला कमाने वाला था। सरकार को हमारे दुख का अहसास नहीं है।
उन्होंने मांग की जिन लोगों ने हमारी तरह से अपने परिवार के सदस्यों को खोया है उन्हें सरकार को नौकरी देनी चाहिए। जिससे उसके परिवार का जीवन यापन हो सके। पीड़ितों में पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर के प्रति भी गुस्सा भरा है। उनका उनका कहना है कि कार्यक्रम में गेस्ट के तौर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी शामिल हुई थीं आैर हादसे के बाद वे उनसे मिलने भी नहीं आर्इ। स्थानीय निवासी प्रदीप ने कहा कि ये राजनेता केवल हमारे क्षेत्र वोट मांगने आते हैं।
सीएम अमरिंदर सिंह ने दिए जांच के आदेश
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने दुख जताते हुए अस्पतालों में घायलों का हालचाल लिया और घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये आैर केंद्र सरकार ने मृतक परिवार को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।