दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने बिजली लागत के अंतर की भरपाई के लिए बिजली कंपनियों को सरचार्ज बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर बिल में 10 फीसदी तक का इजाफा होगा। इससे दिल्ली के लोगों पर बोझ बढ़ेगा। नई दरें 22 जून से लागू होंगी जो नौ माह के लिए मान्य रहेंगी।
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डीईआरसी ने यह बढ़ोतरी बिजली खरीद समझौता अनुबंध के तहत बिजली कंपनियों की लागत भरपाई के लिए किया है। आयोग ने बीएसईएस वाली बीवाईपीएल को 9.42, बीआरपीएल को 6.39, टाटा पावर को 1.49 और एनडीएमसी को दो फीसदी सरचार्ज बढ़ाने की मंजूरी दी है। इसका असर बिजली की प्रति यूनिट दर पर नहीं पड़ेगा, लेकिन कुल बिल पर असर जरूर दिखाई देगा। आयोग के अनुसार, कोयले और ईंधन लागत में वृद्धि के चलते यह फैसला हुआ है।
बिजली खर्च यदि 200 यूनिट तक है तो जीरो बिल आएगा। सरकार बिल पर फिक्स चार्च और सरचार्ज खुद वहन करेगी। बिजली खर्च 201-400 यूनिट के बीच है तो इस पर भी 50 फीसदी (800 रुपये) की सब्सिडी मिलेगी।
मान लें कि आप का दो किलोवाट लोड वाला कनेक्शन है और 300 यूनिट बिजली खर्च की तो बिल 1350 रुपये आएगा। 100 रुपये फिक्स चार्ज जोड़ने के बाद सरचार्ज लगेगा। इस स्थिति में अधिकतम 800 रुपये सब्सिडी मिलेगी। यदि आप 401 यूनिट से ऊपर बिजली खर्च करते हैं तो कोई सब्सिडी नहीं मिलती। पूरा बिल चुकाना होगा।
दिल्ली में बिजली के दाम भले ही कई वर्षों से नहीं बढ़े हैं, लेकिन सरचार्ज में बीते एक वर्ष में 15 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। बीवाईपीएल में 15.42, बीआरपीएल में 10.39, टाटा पावर में 12.33 फीसदी और एनडीएमसी के सरचार्ज में चार फीसदी इजाफा हुआ है।