औरैया। जनपद के अयाना क्षेत्र में 3 माह पूर्व आठ वर्षीय नाबालिग से दरिंदगी कर उसकी हत्या किए जाने के मामले में विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो ने आरोपी युवक गौतम सिंह दोहरे को फांसी की सजा सुनाई है। जनपद में किसी आरोपी को फांसी दिए जाने का यह चौथा मामला है। एडीजी कानपुर आलोक सिंह ने केस की प्रभावी पैरवी करने वाले पुलिस कर्मियों को 25 हजार का ईनाम देने की घोषणा की है।
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जिले के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मनराज सिंह ने उक्त मामले में आदेश सुनाते हुए आरोपी को फांसी पर लटकाए जाने का फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने कहा पुरुषों की उत्पत्ति ही महिलाओं से होती है, दोषी का कृत्य पशुओं से भी ज्यादा निंदनीय है। लड़कियां यदि खुले में नहीं घूम सकतीं तो फिर उनके लिए कौन सा स्थान है, जहां वह घूम सकें। कहा भारतीय संस्कृति में स्त्री धर्म की मूल है, स्त्री के साथ ऐसा अपराध किसी भी धर्म व संस्कृति में मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में बालिकाओं को नई शक्ति के सृजन की शसक्त नारी बताया गया है, लेकिन इस अपराधी ने उसका बचपन में ही जीवन खत्म कर दिया। इसलिए दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाती है।
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वहीं मामले की सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता दंड अभिषेक मिश्र, विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र तोमर, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो मृदुल मिश्र व वाली के अधिवक्ता हरिशंकर शर्मा ने इस घटना को क्रूरतम अपराध बताते हुए कोर्ट से मृत्यु दंड दिए जाने की प्रार्थना (मांग) की थी।
बता दें कि थाना अयाना क्षेत्र के एक गांव से 24 मार्च (शुक्रवार) की शाम करीब साढ़े पांच बजे बकरियां चराने गयी एक आठ वर्षीय मासूम लापता हो गयी थी। रोते बिलखते परिजन मासूम को इधर से उधर तलाश कर रहे। रात साढ़े 10 बजे तक मासूम की कोई खोज खबर न मिलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद एसपी चारू निगम अन्य पुलिस अधिकारियों व कई थानों के फोर्स के साथ गांव पहुंचीं। जिसके बाद मासूम को ढूढ़ने के लिए सभी ने तलाश शुरू की। 25 मार्च (शनिवार) की दोपहर करीब साढे तीन बजे घर से छह सौ मीटर की दूरी पर गेहूं के खेत में मासूम का शव मिला। मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गयी थी। जिसके बाद उसके शव को छुपा दिया था।
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पुलिस ने मामले में कई व्यक्तियों से पूछताछ की और साक्ष्य संकलन व छानबीन के बाद 14 घंटे में घटना का खुलासा करते हुए आरोपी गौतम सिंह को गिरफ्तार कर उससे कई घंटे तक कड़ाई से पूछताछ की। जिसमें आरोपी ने सब कुछ उगल दिया। पूछताछ में आरोपी ने कबूला किया कि घटना के दिन उसने शराब पी रखी थी तथा बिस्कुट दिलाने का लालच देकर नाबालिग को ले गया और उसके साथ दुष्कर्म कर मुंह दबाकर निर्मम हत्या कर दी।
बताया कि गिरफ्तारी के समय आरोपी ने स्वयं को बचाने के लिए रात्रि में अपने शरीर पर आटा लगा लिया। ताकि सबको लगे कि ये निर्दोष है। गिरफ्तारी व कबूलनामा के बाद आरोपी का डीएनए सैंपलिंग कराया गया। 26 मार्च (रविवार) की देर रात जिला अस्पताल से लौटते समय आरोपी गौतम दोहरे ने दरोगा से पिस्टल छीनते हुए पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की। जवाबी फायरिंग में उसके पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया। जिसके बाद पुलिस ने उसे इलाज के लिए सीएचसी अयाना में भर्ती कराया गया। पुलिस ने 27 मार्च (सोमवार) को न्यायालय के माध्यम से आरोपी को जेल दिया गया था।
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27 मार्च (सोमवार) को ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोपी के बहशीपन की पूरी कहानी सामने आयी थी। डाक्टरों का कहना था कि इतनी छोटी बच्ची के साथ कोई ऐसी दरिंदगी कैसे कर सकता है। रिपोर्ट में मासूम के शरीर (सीने व पेट) पर 8 से 10 जगह नाखून से खरोंचने के निशान पाये गये थे। नाजुक अंग भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त मिले थे।
आरोपी ने मासूम का मुंह और हाथ इतनी तेज दबाये कि वो काले पड़ चुके थे। बच्ची का खून जम गया था। जिसकी वजह से उसकी नसें ब्लाक हो गयीं थीं। उस समय एसपी ने आरोपी को फांसी दिलाने की पैरवी करने की बात कही थी। जिसके बाद पुलिस ने आठ दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल की। पुलिस की गहन पैरवी के चलते तीन माह में ही पॉक्सो न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मंगलवार को मामले में निर्णय सुरक्षित कर लिया था। जिसके बाद आज बुधवार को आरोपी गौतम सिंह को फांसी की सजा सुनाई है।
जनपद में फांसी की चौथी सजा : 1997 में औरैया जिला के गठन के बाद विभिन्न मामलों में न्यायालय द्वारा फांसी की सुनाई गई ये चौथी सजा है।
पहली- सबसे पहले साल 2007 में फफूंद में हुए तिहरे हत्याकांड के दोषी को एडीजे फास्ट ट्रैक एस.सी. मिश्रा ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई थी।
दूसरी- इसके बाद सन् 2019 में एकतरफा प्रेम में पागल युवक द्वारा घर में घुसकर किशोरी की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार ने दोषी को फांसी सजा सुनाई थी।
तीसरी- इसके बाद सन् 2021 में थाना बिधूना क्षेत्र में 3 साल की मासूम से रेप के दोषी को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मनराज सिंह ने फांसी की सजा सुनाई थी। अक्टूबर 2021 में दोषी बच्ची को बहला-फुसला कर अपने रिश्तेदार के घर ले गया था। जहां उसके साथ रेप किया था। बच्ची को बहुत सारी अंदरुनी चोटों के अलावा उसका प्राइवेट पार्ट भी बुरी तरह से जख्मी हो गया था। केजीएमयू में कई माह के इलाज के बाद बच्ची अस्पताल से घर वापस आयी थी।
रिपोर्ट-सुरेश मिश्रा/शिव प्रताप सिंह सेंगर