2024 लोकसभा चुनाव से पहले जातीय जनगणना को लेकर सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी लगातार इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरते हुए आ रही थी। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी अब इस मुद्दे पर योगी सरकार से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने चार हफ्ते में इस पर जवाब देने को कहा है कि इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती अब इस मुद्दे पर एक कदम और आगे चली गई हैं। उन्होंने यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की है।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज एक के बाद एक कई ट्वीट किए और जातीय जनगणना को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से लेकर केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है बावजूद इसके बीजेपी इसे करवाना नहीं चाहती है जो बेहद चिंता की बात है। ये समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए बेहद जरूरी है।
कहा, ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही आकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना को पटना हाईकोर्ट द्वारा पूर्णत वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहाँ यह जरूरी प्रक्रिया कब होगी। उन्होंने आगे कहा कि, देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की माँग लगातार ज़ोर पकड़ रही है, किन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है, यह अति-चिन्तनीय, जबकि बीएसपी की माँग केवल यूपी में नहीं बल्कि केन्द्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।
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मायावती ने कहा कि देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी। आपको बता दें कि बिहार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार यूपी में जातीय गणना कराने की मांग करते रहे हैं, कांग्रेस पार्टी भी इस पर पहले ही समर्थन जता चुकी है और अब बसपा सुप्रीमो ने सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग कर दी है। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में ये मुद्दा काफी जोर-शोर से उठेगा।