Breaking News

नए कोच में 24 की जगह 32 लोग कर सकेंगे सफर, किराया भी कम

नई दिल्‍ली. ट्रेनों में अगर किराया कम होने की बात कही जाए तो बड़ा अचंभा लगेगा और अगर साथ ही कहा जाए कि रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी. तो यह बात निश्चित ही मनगढ़ंत लगेगी. लेकिन यह सच हो सकता है.

हालांकि यह लाभ केवल फर्स्‍ट एसी में सफर करने वालों को मिल सकता है. यह कैसे संभव हो सकता है, आइए जानें.

ट्रेनों में कई तरह के कोच होते हैं. फर्स्‍ट एसी, सेकेंड एसी, थर्ड एसी, स्‍लीपर, चेयरकार, सेकेंड क्‍लास और जनरल कोच. इनमें सबसे कम फर्स्‍ट एसी में 24 या‍त्री सफर करते हैं. इस वजह से सबसे अधिक किराया भी इसी श्रेणी का है, इसके बावजूद रेलवे को नुकसान होता है. लेकिन अब इस श्रेणी का किराया कम कर रेलवे को फायदा पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. हालांकि अभी डिजाइन तैयार किया गया है. अगर डिजाइन स्‍वीकृत हो जाता है तो प्रोटोटाइप 10 से 11 माह का समय लग जाएगा.

इस तरह कम हो सकता है किराया

एसी फर्स्‍ट में अगर सीटों की संख्‍या बढ़ा दी जाए तो किराया कम हो सकता है और रेलवे की कमाई भी बढ़ सकती है. इसी तरह की डिजाइन रेल कोच फैक्‍ट्री कपूरथला ने तैयार की है. इसमें 24 की जगह 32 यात्री सफर कर सकेंगे. इस तरह प्रत्‍येक कोच में 25 फीसदी यात्रियों की बढ़ोत्‍तरी हो सकेगी. इससे दोहरा लाभ होगा. पहला यात्रियों की संख्‍या बढ़ने से किराया कम हो सकता है, साथ ही रेलवे की कमाई भी बढ़ सकेगी.

कोच में होंगे यह बदलाव

आरसीएफ का दावा कि नई डिजाइन वाले कोच पहले की तुलना में सुविधाजनक होंगे. नई डिजाइन के तहत बनने वाले कोचों में बर्थ फ्लाइट की तरह मॉड्यूलर होंगी. यानी सुविधा के अनुसार आगे या पीछे की जा सकेंगी. इतना ही नहीं साइट अपर बर्थ को सुविधा अनुसार ऊपर उठा कर केवल लगेज के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है. वहीं, विस्‍टाडोम की तरह ऊपर की बर्थ में पारदर्शी शीशा लगाया जा सकता है. जिससे ऊपर बैठा यात्री भी बाहर के खूबसूरत नजारे ले सके.

About News Desk (P)

Check Also

ट्रैक्टर-ट्राली में पीछे से घुसी बोलेरो, जीजा-साले सहित तीन की मौत; शादी में शामिल होने जा रहे थे

रायबरेली:  यूपी के रायबरेली में शनिवार की रात तेज रफ्तार बोलेरो, ट्रैक्टर-ट्राली में पीछे से ...