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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानवता को मिलेगा नया दृष्टिकोण

  • प्रो संजय कुमार घोष बोले, स्टुडेंट्स एआई पर न रहें निर्भर
  • टीएमयू में क्वांटिटी नहीं, क्वालिटी को प्राथमिकता: कुलाधिपति
  • यदि बेसिक क्लीयर हैं तभी एआई का उपयोग करें: प्रो. वीके जैन
  • इंडस्ट्री 5.0 में एआई और मनुष्य मिलकर कार्य करेंगे: प्रो रघुराज सिंह
  • आईईईई का उद्देश्य समाज और मानवता की सेवा: प्रो आरके द्विवेदी
  • स्मार्ट ने 21वीं सदी में तकनीक की रफ्तार को बढ़ा दिया: प्रो एसएन सिंह
  • यूनिवर्सिटी एकेडमिक उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध: प्रो मंजुला जैन
  • जेनेरेटिव एआई क्षेत्र में अभी और रिसर्च की दरकार: पंकज द्विवेदी
  • स्मार्ट कॉन्फ्रेंस के फर्स्ट डे टेक्निकल सत्र में 35 शोध पत्र प्रस्तुत

मुरादाबाद। आईआईटी रूड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो संजय कुमार घोष बोले, एआई और चैटजीपीटी वरदान और अभिशाप दोनों है। यदि इनका दुरूपयोग होता है तो ये अभिशाप हैं अन्यथा वरदान। उन्होंने जिओ स्पेशियल पॉलिसी की 14 थीम्स पर विस्तार से प्रकाश डाला। जिओ स्पेशियल पर जोर देते हुए बोले, इससे प्राप्त डाटा को एप्रूवल की जरूरत नहीं होती है। जिओ स्पेशियल के आने से इंफॉर्मेशन के द्वार खुल गए है। हकीकत यह है, गूगल समेत दीगर सर्च इंजनों पर भी यह डाटा उपलब्ध नहीं होता था। नेशनल जिओ स्पेशियल पॉलिसी के आने से यूनिवर्सिटीज़ के लिए डाटा प्राप्ति के द्वार सुगम हो गए है। इससे अब यूनिवर्सिटीज़ अपनी रिसर्च संवर्धन और विशलेषण के लिए में जिओ स्पेशियल डाटा का इस्तेमाल कर सकती हैं। ख़ास बात यह है कि इस पॉलिसी के तहत स्टुडेंट्स या यूनिवर्सिटी के लिए डाटा की प्राप्ति फ्री है, जबकि आम लोगों के लिए इसके लिए सामान्य शुल्क देना होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानवता को मिलेगा नया दृष्टिकोण

एआई भले ही स्टुडेंट्स के लिए वरदान है, फिर भी यूनिवर्सिटीज़ को अपने छात्रों में स्किल्स डवलवमेंट पर जोर देना चाहिए। स्टुडेंट्स एआई पर निर्भर न रहें। साथ ही बोले, आपको इसका आदी नहीं होना है, लेकिन उन्होंने साथ ही सलाह दी, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन, स्मार्ट मेडिकल साल्यूसंस सरीखे डोमेन के लिए एआई का बेहिचक प्रयोग किया जा सकता है।

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प्रो घोष तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी-सीसीएसआईटी की ओर से सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स-स्मार्ट 2023 पर 12वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि ऑफलाइन बोल रहे थे।

इससे पूर्व ऑडी में आयोजित स्मार्ट कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के संग हुआ। उद्घाटन सत्र के दौरान टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, प्रो. संजय कुमार घोष, एचबीटीयू, कानपुर के डीन-अनुसंधान एवं विकास प्रो. रघुराज सिंह, एसएजीई यूनिवर्सिटी, भोपाल के संस्थापक कुलपति प्रो वीके जैन, प्रो विनय ऋषिवाल, प्रो रविन्द्र सिंह के संग-संग कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो राकेश कुमार द्विवेदी समेत डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, सीसीएसआईटी के वाइस प्रिंसिपल डॉ आशेन्द्र कुमार सक्सेना, विभागाध्यक्ष डॉ. शंभू भारद्वाज, प्रॉक्टर प्रो. आरसी त्रिपाठी आदि की मौजूदगी रही।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानवता को मिलेगा नया दृष्टिकोण

कॉन्फ्रेंस थीम और वेलकम स्पीच सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो द्विवेदी ने प्रस्तुत की, जबकि अंत में मेहमानों का आभार वाइस प्रिंसिपल डॉ आशेन्द्र सक्सेना ने व्यक्त किया। इस मौके पर कॉन्फ्रेंस की प्रोसिडिंग का मेहमानों ने विमोचन किया। कॉन्फ्रेंस में एआई एंड मशीन लर्निंग, डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, सूचना सुरक्षा एवं इंजीनियरिंग, उभरती तकनीकी, आईओटी और वायरलेस संचार, ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी, उद्योग 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिज़ाइन कार्यान्वयन उपकरण, सर्किट, सामग्री और प्रसंस्करण, पावर, ऊर्जा और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी जैसे विभिन्न विषयों पर दुनिया भर के आईटी विशेषज्ञ अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत हुए।

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सालना यह कॉन्फ्रेंस सीसीएसआईटी और आईईईई यूपी अनुभाग के साथ तकनीकी सह-प्रायोजन में संयुक्त रूप से ब्लेंडेड मोड में हो रही है। इससे पूर्व कुलाधिपति सुरेश जैन समेत सभी मंचासीन मेहमानों का बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अंत में मेहमानों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। दूसरी ओर टेक्निकल सत्र में 35 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। संचालन फैकल्टीज़ डॉ. सोनिया जयंत और मिस इंदु त्रिपाठी ने किया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानवता को मिलेगा नया दृष्टिकोण

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कुलाधिपति सुरेश जैन ने अपने सारगर्भित आशीर्वचन में बड़े गर्व से कहा, टीएमयू का सीसीएसआईटी कॉलेज वैश्विक स्तर पर शिक्षाविदों और शोधार्थियों के बीच सेतु की मानिंद है। छोटे-छोटे शहरों में भी बड़े-बड़े काम किए जा सकते हैं। किसी काम को अंजाम तक पहुंचाना है तो जोश, जज्बा और होश होना जरूरी है। यूनिवर्सिटी की तमाम गुणवत्ता को गिनाते हुए कहा, हम एडमिशन में बहुत चूजी हैं। इस बार करीब 07 हजार छात्र-छात्राओं ने प्रवेश के लिए आवेदन किया, लेकिन हमने अपनी कसौटी पर 05 हजार स्टुडेंट्स को खरा पाया। दो हजार छात्रों के प्रवेश नहीं लिए, क्योंकि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता टीएमयू में क्वांटिटी नहीं, क्वालिटी है। यूनिवर्सिटी से पासआउट स्टुडेंट्स हमारे लिए एम्बेडसर हैं।

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श्री जैन बोले, देश में बहुत-सी सरकारी यूनिवर्सिटीज़ सौ साल या इससे अधिक की विकास यात्रा पूरी कर चुकी हैं, लेकिन 12वीं स्मार्ट कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से आए मेहमानों को मैं यकीन दिलाना चाहता हूं, टीएमयू के मेधावी स्टुडेंट्स, अनुभवी फैकल्टीज़, उम्दा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट क्लासेज, यूजीसी के मानकों और एनईपी-2020 के बूते हमारी यूनिवर्सिटी सौ सालाना लक्ष्य अपनी सिल्वर जुबली तक ही भेद लेगी। स्मार्ट कॉन्फ्रेंस के आयोजक प्रो आरके द्विवेदी को सफलता की मंगलकामनाएं देते हुए बोले, कॉन्फ्रेंस में अनमोल समय देने के लिए मंचासीन के संग-संग ऑनलाइन सभी मेहमानों का दिल की गहराइयों से आभारी हूं, क्योंकि वे अपने बेशकीमती अनुभव और शोध टीएमयू के विद्यार्थियों और फैकल्टीज़ को साझा करने के लिए हमारे बीच में है। उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में इस शेर के साथ अपने संबोधन को विश्राम दिया- अगर देखना है टीएमयू की कामयाबी को, तो थोड़ा और ऊंचा कर लो आसमां को..।

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एसएजीई यूनिवर्सिटी, भोपाल के संस्थापक कुलपति प्रो वीके जैन ने एआई एंड इट्स इंपेक्ट ऑन सोयायटी पर बोलते हुए कहा, जीत और हार अपनी सोच पर निर्भर करती है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, स्टुडेंट्स किताबों से दूरी बना रहे हैं। अब वे स्मार्ट सिस्टम पर डिपेंड हो रहे हैं, जिससे तार्किक क्षमता कम हो रही है और सिस्टम की क्षमता बढ़ रही है। दुनिया तेजी से बदल रही है। हमें इसके साथ कदमताल बना कर चलने की दरकार है। हमें गलतियों से सीखना होगा। छात्रों को आगाह किया, यदि आपके बेसिक क्लीयर हैं तभी एआई का उपयोग करें। मेडिकल साइंस इतनी एडवांस हो जाएगी, पेशेंट्स की 80 प्रतिशत समस्याओं का समाधान एआई के जरिए ऑनलाइन हो जाएगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई, भविष्य में एआई समाज को डोमिनेट करेगा।

एचबीटीयू, कानपुर के डीन-अनुसंधान एवं विकास प्रो रघुराज सिंह ने एआई एंड इट्स इवेल्यूएशन एंड एप्लीकेशन फॉर हयूमैनिटी पर बोलते हुए कहा, मानव मस्तिष्क को सिमुलेट नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसकी कुछ विशेषताओं को मशीन लर्निंग और एआई की हैल्प से विकसित किया जा सकता है। हमें सोच-समझ के साथ एआई का प्रयोग करना चाहिए। एआई के दुष्परिणामों से बचने के लिए हमें अपने ब्रेन का प्रयोग करना होगा। इंडस्ट्री 5.0 थीम में एआई और मनुष्य मिलकर कार्य करेंगे। सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. द्विवेदी ने कॉन्फ्रेंस थीम पर बोलते हुए कहा, इंजीनियर्स का समाज में प्रमुख स्थान है। आईईईई का उद्देश्य समाज और मानवता की सेवा करना है। उन्होंने आश्वस्त किया, हमारी कॉन्फ्रेंस मानव और मशीन के बीच साइंटिफिक योगदान में कारगर साबित होगी।

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अटल बिहारी वाजपेयी-भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान (एबीवी-आईआईआईटीएम) ग्वालियर के निदेशक प्रो एसएन सिंह ऑनलाइन बोले, चाहे तकनीकी की बात हो या लर्निंग के नए तरीकों की, स्मार्ट शब्द अपने आप में ही स्मार्ट है। स्मार्ट तकनीकी हमें एआई के साथ जीने के लिए तैयार करती है। स्मार्ट ने 21वीं सदी में तकनीक की रफ्तार को बढ़ा दिया है। उम्मीद है, यह आगे भी यह इसे बढ़ाती रहेगी। टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन बोलीं, स्टुडेंट्स यूनिवर्सिटी के स्टार हैं और उन्हें सीखने और आगे और बढ़ने के लिए जागृत रहना होगा। यूनिवर्सिटी एकेडमिक उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है। तकनीकी एडवांसमेंट ससटनेबल डवलपमेंट के लिए होना चाहिए। मेंटल वेलनेस लेटेस्ट रिसर्च एरिया है, क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानवता को मिलेगा नया दृष्टिकोण

एनआईएआईडी सीआरएमएस के वरिष्ठ डेटाबेस डवलपर पंकज द्विवेदी ने ऑनलाइन बोलते हुए कहा, जेनेरेटिव एआई मनुष्य की नकल करने की कोशिश करती है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में और रिसर्च की दरकार है। यह बहुत सी चीजें जैसे-गीत, कविता, रिपोर्ट आदि लिख सकती है। उन्होंने जेनेरेटिव एआई की लिमिटेशन बताते हुए इसका डेमो भी दिया। क्रॉन्फ्रेंस में प्रो एमपी सिंह, प्रो हरबंश दीक्षित, प्रो एसके जैन, प्रो अनुराग वर्मा, प्रो निखिल रस्तोगी, डॉ पूनम शर्मा, डॉ ज्योति पुरी, डॉ अलका अग्रवाल, डॉ पंकज गोस्वामी के अलावा सीसीएसआईटी से डॉ संदीप वर्मा, डॉ पराग अग्रवाल, डॉ रंजना शर्मा, डॉ विवेक कुमार, डॉ प्रियांक सिंघल, डॉ नूपाराम चौहान, अमित शर्मा, मो सलीम, डॉ मुदित सक्सेना, मिस रूहेला नाज़, विनीत सक्सेना, नवनीत विश्नोई, नवनीत विश्नोई सेकेंड, मिस हिना हाशमी, मिस शिखा गंभीर, रूपल गुप्ता, ज्योति रंजन लाभ, अजय चक्रवर्ती, आदित्य जैन, मनीष तिवारी, अमित सिंह आदि की मौजूदगी रही। इस मौके पर स्टुडेंट्स लीजा चौहान, सत्ती कौर, इशिका जैन, सौम्या चंद्रवंशी, यशी यादव, अनुष्का रस्तोगी, रिदिमा, दिव्यांशी बिष्ट, राधिका मित्तल, आयुष, अयाज़, सलीम, कम्बर, पार्थ, अभिनव जैन, यूसुफ, इशिका सिंह, वैष्णवी, रिमझिम आदि ने गणेश वंदना पर नृत्य की प्रस्तुति दी। साथ ही राम गीत पर भी नृत्य का प्रदर्शन किया।

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