भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने मानदंडों के तहत राजनीतिक पकड़ वाले लोगों ( Politically-Exposed Persons, PEP) की परिभाषा में बदलाव किया है। आरबीआई का यह कदम ऐसे व्यक्तियों के लिए ऋण प्राप्त करना और विभिन्न बैंकिंग लेनदेन करना आसान बनाएगा।
आरबीआई के अपने नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों में कुछ बदलाव किए गए हैं। पीईपी से संबंधित पहले के मानदंड साधारण थे और परिभाषा पर स्पष्टता की कमी थी, जिससे बैंकरों, राजनीतिक पकड़ वाले लोगों और अन्य प्रभावित लोगों को परेशानी होती थी। कुछ तबकों में इस बात को लेकर भी चिंता थी कि पीईपी को कर्ज लेने या बैंक खाते खोलने में दिक्कत हो रही है।
संशोधित केवाईसी मास्टर निर्देश में, केंद्रीय बैंक पीईपी को उन व्यक्तियों के रूप में परिभाषित करता है जिन्हें किसी विदेशी देश की ओर से प्रमुख सार्वजनिक कार्य सौंपे गए हैं, इनमें राज्य/ सरकारों के प्रमुख, वरिष्ठ राजनेता, वरिष्ठ सरकारी या न्यायिक या सैन्य अधिकारी, राज्य के स्वामित्व वाले निगमों के वरिष्ठ अधिकारी और महत्वपूर्ण राजनीतिक दल के अधिकारी शामिल हैं।
नए नियमों के अनुसार पीईपी में ऐसे व्यक्ति भी शामिल है जिन्हें एक विदेशी देश द्वारा सार्वजनिक कार्य सौंपा गया है। पीईपी के बैंक खातों में मौजूदा प्रावधानों के तहत यह एक अतिरिक्त केवाईसी मानदंड हैं और इसके तहत एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ऐसे लोगों की विशेष जांच पड़ताल करनी होगी।
केंद्रीय बैंक ने 25 फरवरी, 2016 को एक परिपत्र के माध्यम से जारी केवाईसी मानदंडों में मास्टर निर्देश के एक उप-खंड को हटा दिया था। केंद्रीय बैंक ने बैंकों और अन्य वित्तीय सेवाओं के प्रमुखों और मुख्य कार्यकारियों से इन बदलावों को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है। पिछले साल, केंद्र ने गैर-सरकारी संगठनों के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) में संशोधन किया था।