पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत दी है। गोपनीय दस्तावेज मामले में उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई है। हालांकि, इमरान खान को अभी जेल में ही रहना होगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) संस्थापक इमरान खान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं, इस कारण उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जाएगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी इमरान की जमानत की पुष्टि की पाकिस्तानी प्रसारक- समा टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिहाई के आदेश विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने जारी किए। इमरान खान की रिहाई की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, सोमवार को पाकिस्तान की एक विशेष अदालत से मिली राहत के बावजूद इमरान खान अदियाला जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें 190 मिलियन पाउंड के मामले में तोशाखाना मामले में भी गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में साइफर मामला यानी गोपनीय दस्तावेज मामले में इमरान खान और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को जमानत दे दी थी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने दोनों पीटीआई नेताओं को 10-10 लाख पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) के जमानती बॉन्ड जमा करने का निर्देश भी दिया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सरदार तारिक मसूद की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने जमानत आदेश पारित किया था। इस पीठ में न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह और जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह भी शामिल थे।
गौरतलब है कि गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक करने के मामले में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने इमरान और पूर्व विदेश मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, इमरान की पार्टी- पीटीआई ने तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मुकदमों को प्रतिशोध और राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
बीते 13 दिसंबर को इमरान और कुरैशी को दूसरी बार दोषी ठहराया गया था। विशेष अदालत (आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम) ने अदियाला जिला जेल में इस मामले का ट्रायल फिर से शुरू हुआ। हालांकि, उथल-पुथल भरे माहौल में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जेल में मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के न्यायाधीश को ‘निष्पक्ष सुनवाई’ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।