लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी (Surendranath Trivedi) ने कहा कि वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के संगीन धाराओं में दर्ज अपराधिक मुकदमें वापस लेने में प्रदेश सरकार की रूचि निंदनीय है। क्योंकि ये मुकदमें राजनैतिक रूप से धरना प्रदर्शन कर रहे लोगो पर नहीं थे। इन दंगों में सैकड़ों लोग असमय मृत्यु का शिकार बने थे और लगभग 50 हजार लोग बेघर हो गये थे। इतना ही नहीं सैकड़ों परिवारों को टेंट में रहकर अपने परिवारों का पालन पोषण करना पड़ा था।
सांसद संजीव बालियान और विधायक संगीत सोम दंगों की अगुवाई
श्री त्रिवेदी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा आजाद हिंदुस्तान के इतिहास में बदनुमा दाग की तरह है और इस सन्दर्भ में दर्ज हुये एक सौ पच्चीस मुकदमों का निस्तारण न्यायालय पर छोड़देना चाहिए ताकि अपराधियों को सजा मिल सके और भविष्य के लिए एक नजीर बन सके। भाजपा को इन दंगो से विगत लोकसभा चुनाव में काफी लाभ मिला था और तत्कालीन परिस्थितियों के साक्ष्य के अनुसार सांसद संजीव बालियान और विधायक संगीत सोम इन दंगों की अगुवाई कर रहे थे। इन लोगो को पिछले लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव में जीत का इनाम मिल चुका है फिर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री इन लोगो पर दर्ज लगभग 18 मुकदमें वापस लेने की तैयारी कर चुके हैं। जबकि यह मुकदमें संगीन अपराधिक धाराओं में दर्ज हैं।
दंगों के बहादुरों को पुरूस्कार देकर राजनीतिक स्वार्थ
रालोद प्रवक्ता ने कहा,क्या मुकदमें वापस लेकर मुख्यमंत्री यह सिद्व करना चाहते हैं कि उन्हें प्रदेश की न्याय व्यवस्था एवं न्यायपालिका अथवा लोकतंत्र के तीसरे खम्भे पर उन्हें विश्वास नहीं है या फिर पुनः लोकसभा चुनाव को देखते हुये इन दंगों के बहादुरों को पुरूस्कार देकर पुनः राजनीतिक स्वार्थ हासिल करने की फिराक में हैं।
भारतीय जनता पार्टी की फूट डालों और राज करों की नीति
सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि मुजफ्फरनगर की जनता ही नहीं सम्पूर्ण देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की फूट डालों और राज करों की नीति को भलीभांति पहचान लिया है। वो 2019 के लोकसभा चुनाव में इनके बहकावे में आने वाली नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव में किसान, मजदूर तथा भारत की आम जनता साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबों पर पानी फेरने का मन बना चुकी है। भारत की जनता ने तय कर लिया है वो 2019 के लोकसभा में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देगी।